भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
5.7.08
करूणाकर, तेरे हौसले को सलाम
(अमर उजाला, नोएडा संस्करण में प्रकाशित)
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