भड़ास के भडासी अंदाज ने बड़े बड़े मीडिया हाउस की नींद उदा दी है, पत्रकारों के शोषण का केन्द्र बना ये बड़े बड़े लाला जी की दूकान का पोल पट्टी भड़ास पर आने के बाद से ही तमाम समूंह में हल चल का वातावरण सा आ गया था, अखबारनवीस के सूचनाओं का भण्डार भड़ास पर होता है जिस से पत्रकारों के सामने विभिन्न रास्ते सामने आते हैं, मगर ये अखबार चलाने वाले लालाओं के के लिए खुली चुनोती सी हो गयी है।
भड़ास का डर अख़बारों में ऐसा समां गया है की अखबार के मालिकान के साथ मालिकों के पिछलग्गू बड़े बड़े पत्रकार व सम्पादकों के आदेश पर कार्यालय से भड़ास प्रतिबंधित करा जा रहा है। पहले हिन्दुस्तान और अब अमर उजाला के पत्रकारों से भडास का अधिकार छीन लिया गया है, अब यहाँ के लोग अपने अपने कम्पूटर पर भड़ास नही देख सकते हैं।
पत्रकार और पत्रकारिता का हित और पत्रकारिता के इनदुर्योधन लाला जी से लड़ने वाला भड़ास धंधेबाजों के लिए एक खतरा सा बनता जा रहा है क्यूंकि इनकी काली कारिस्तानी भड़ास के माध्यम से सामने आ रही है।और इसी तरह आती रहेगी भले ही ये दूकान चलाने वाले लोग और इनके तेल लागोऊ पत्रकार को ये रास ना आए क्यूंकि बड़े मियां ये आपके लाला और अखबार का मोहताज नही है, अधिकार और कर्तव्य के साथ भड़ास पोल पट्टी को सामने लाता रहेगा।
जय जय भड़ास
भाई,जय जय भड़ास....
ReplyDeleteजोर से बोलो जय जय भड़ास......
अब तो ये एक जीवन शैली बन गया है....
हम लोग मिलते हैं तो अभिवादन करते हैं ..जय भड़ास... तो लाला जी की और उनके तेल लगाऊ चम्मचों की हवा तंग होगी ही मेरे भाई....
भडास को फिर तो वे अपरोक्ष रूप से मदद हू कर रहे हैं।
ReplyDeleteजय भडास,
ReplyDeleteआप भाइयों को पता है कि पिछले कई दिनों से जम्मू में अमरनाथ श्राइन बोर्ड जमीन विवाद को लेकर प्रदर्शन जारी थे इससे जुड़ी हर खबर दिखाने का खामियाजा अब मीडियाकर्मियों को खुद भुगतना पड़ रहा है।
प्रशासन ने जम्मू में मीडिया पर पाबंदी लगा दी है। सभी न्यूज चैनलों को ब्लैक आउट कर दिया गया है।
इससे नाराज मिडियाकर्मी धरने पर बैठ गए, मीडियाकर्मियों को धरने से हटाने के लिए पुलिस ने आज आँसू गैस के गोले भी छोड़े। मीडियाकर्मियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई में चार मीडियाकर्मी घायल हो गए। जबकि जम्मू के दैनिक जागरण का दफ्तर सील कर दिया गया ।
एक आजाद देश का नागरिक होने के कारण हमें हर हाल में जानकारी पाने का व अपनी बात कहने का अधिकार है ये हमारा मौलिक अधिकार है भारत का संविधान अनु0 19 के तहत हमें इसका अधिकार देता है
मैं भडास के द्वारा प्रशासन की इस तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाता हूं, आप सभी भडासी भाइयों का सहयोग अपेक्षित है ।
ये कई कई चेहरों वाले लाला और कर भी क्या सकते हैं। हां!इसके बाद ये भी कहा जा सकता है कि अगर भड़ास निकालोगे तो नौकरी से निकाल दिए जाआेगे।
ReplyDeletedsd dcjkd dcjo
ReplyDeletewhat this means dear anonymous
ReplyDeleteअभी तक भड़ास ने कुछ खास किया नहीं है तब तो ये हाल है पता नहीं तब क्या होगा जब यह अपने मुकाम पर पहुज्ने लगे शायद वो दिन कभी नही6 आयेगा क्योंकि तब तक शायद ये काले अँग्रेज इंटरनेट ही ना बंद कर दें या ये ब्लॉग.
ReplyDeleteभाई मजा आ गया ऐसी ही मरते रहो अकाल खुल जाएगी सालो की
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