दिल है कि बल्लियॊं उछल रहा है और इस सर्गेई बुबका छाप उछाल-कूद से न जाने और कितने रिकार्ड भड़ास पर बनने बाकी हैं। हम बुरे थे, गन्दे थे, लड़कियों को घूरने वाले थे,कुत्ते थे, सुअर थे,बंदर थे, गैंडे थे, संसार के हिंदी के सबसे बड़े ब्लाग थे और न जाने क्या-क्या थे लेकिन आज एक और उपलब्धि इस कतार में हम सब भड़ासियों से जुड़ गई है कि हम 420 हैं। जो इस बात पर खुश हो सकते हों खुश हो लें वरना आगे हम कुछ और हो जाएंगे तब आप अपनी चार सौ बीसी का उत्सव न मना पाएंगे। सभी भड़ासियों को इस चार सौ बीसी के लिये हार्दिक शुभकामनाएं।
जय जय भड़ास
बिल्कुल सही कहा आपने डाक्टर साहब . हम भडासी वाकई में चार सौ बीस हैं.लेकिन खूबी भी तो है की बाकी चार सौ चालीस का इलाज भी तो अपने माध्यम से ही होता है. बधाई हो.................आज हम चार सौ बीस हो ही गए.
ReplyDeleteरुपेश भाई,
ReplyDeleteइस नए भडासी संबोधन के लिए सहस्र बधाई,
चलिए रेकोर्ड तोरने और नए नए नामो के लिए कुक्ख्यात हम और क्या क्या धारण करते हैं.
जय जय भड़ास
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ReplyDelete420 hi kyun sir hum bhadasi to 840 hain .
ReplyDeletehum bhadasi 420 nahi , 840 hain
ReplyDeletejai jai bhadas
420 arey hum maen himat hai tabhi toa kahe rahen hai ki hum 420 hain aur wo din dur nahi jab 4200000 ho jaenge.
ReplyDeleteDr Sahab, "JAI BHADAS"
ReplyDeleteMain Appki Team Main Kal hi Shamil hui or aaj aapne ye khushkabri suna de. Appko bhi dhero Badhai.
bahut-bahut badhai
ReplyDelete420 ho gaye bhai
ab iske baad jo aayega
vo bhi record banayega
lekin jo 420 nahin.
duniya mein vo kahin nahin
de danadan
ReplyDeleteजब भी कभी हिंदी के विकास का इतिहास लिखा जाएगा अथवा वंचितों की आवाज उठाने वाली देशज विचारधारा का जिक्र होगा तब उसमें भड़ास का नाम स्वर्णाक्षरों में चमकेगा। यशवंत भाईसाहब और डा.रूपेश श्रीवास्तव सहित सभी भड़ासियों(भूतपूर्व और भविष्य के भी इसमें शामिल हैं) को दिल से बधाई स्वीकार हो
ReplyDeleteभड़ास ज़िन्दाबाद
ये सबसे ज्यादा खुशी की बात मेरे लिये है क्योंकि भड़ास ने पीड़ितों, उत्पीड़ितों, वंचितों, दबे, कुचले हुए लोगों के लिए एक वैश्विक स्तर का वैचारिक मंच प्रदान किया है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि जो इस मंच तक नहीं पहुंच पाते हैं यह मंच अपने महातरल स्वभाव की वजह से उन तक पहुंच कर उन्हें खुद में आत्मसात कर लेता है। मैं खुद इस बात का सबसे बड़ा जीता जागता उदाहरण हूं शुरुआत में जब भड़ास पर मेरी उपस्थिति हुई तो तमाम स्थापित ब्लागरों ने तो मेरे वजूद से ही इंकार कर दिया कि मैं एक काल्पनिक चरित्र हूं लेकिन भड़ास के प्रणेताओं का ही प्रताप है जिन्होंने एक "हिजड़े" को सम्मानित पहचान दिलाई और अपने सलाहकार मंडल में शामिल किया। आप सबको सप्रेम बधाई हो.....
ReplyDeleteजय भड़ास