अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
6.9.08
परिणाम
पिरणाम पथराई सी शून्य आँखें बता जाती है अगिणत पिरणाम शांत चुप्पी उठा जाती है बवंडर कर जाती है भूकंप भभका गुस्सा िबखेर देता है प्रेम की बूंदें साँस की िजन्दगी में िबन कफन की लाश कर जाती है राम नाम सत्य
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