भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
23.9.08
जख्म गहरा है
--- चुटकी ---
नवजोत सिद्धू जरुरत से
कुछ ज्यादा ही हँसता है,
अन्दर का जख्म
बहुत गहरा लगता है।
---गोविन्द गोयल श्रीगंगानगर
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