गोयल जी, बहुत करारा जबाब दिया है आपने। निश्श्चित रूप से यह देश के राजनेताओं के ढ़ोंगी धर्मनिरपेक्षता का ही परिणाम माना जायेगा । ऐसा प्रतीत होता है कि इनको देश से कोई हमदर्दी नहीं कोई वोट के, तो कोई नोट के लिये संसद में जाता है । हर मानसिकता में धर्मनिरपेक्षता को बचाने की ताकत काम कर रही है । ऐसी धर्मनिरपेक्षता जो इनके वोट बेंक को बरकरार रख पाये । मानो वोट के लिए देश को भी बेच देंगे ये धर्मनिपेक्षता के पहरेदार। आपकी यह कविता http://kavimanch.blogspot.com/ पर भी पोस्ट कर दी है। -शम्भु चौधरी
गोयल जी, बहुत करारा जबाब दिया है आपने। निश्श्चित रूप से यह देश के राजनेताओं के ढ़ोंगी धर्मनिरपेक्षता का ही परिणाम माना जायेगा । ऐसा प्रतीत होता है कि इनको देश से कोई हमदर्दी नहीं कोई वोट के, तो कोई नोट के लिये संसद में जाता है । हर मानसिकता में धर्मनिरपेक्षता को बचाने की ताकत काम कर रही है । ऐसी धर्मनिरपेक्षता जो इनके वोट बेंक को बरकरार रख पाये । मानो वोट के लिए देश को भी बेच देंगे ये धर्मनिपेक्षता के पहरेदार। आपकी यह कविता http://kavimanch.blogspot.com/ पर भी पोस्ट कर दी है। -शम्भु चौधरी
गोयल जी, बहुत करारा जबाब दिया है आपने। निश्श्चित रूप से यह देश के राजनेताओं के ढ़ोंगी धर्मनिरपेक्षता का ही परिणाम माना जायेगा । ऐसा प्रतीत होता है कि इनको देश से कोई हमदर्दी नहीं कोई वोट के, तो कोई नोट के लिये संसद में जाता है । हर मानसिकता में धर्मनिरपेक्षता को बचाने की ताकत काम कर रही है । ऐसी धर्मनिरपेक्षता जो इनके वोट बेंक को बरकरार रख पाये । मानो वोट के लिए देश को भी बेच देंगे ये धर्मनिपेक्षता के पहरेदार। आपकी यह कविता http://kavimanch.blogspot.com/ पर भी पोस्ट कर दी है। -शम्भु चौधरी
ReplyDeleteगोयल जी, बहुत करारा जबाब दिया है आपने। निश्श्चित रूप से यह देश के राजनेताओं के ढ़ोंगी धर्मनिरपेक्षता का ही परिणाम माना जायेगा । ऐसा प्रतीत होता है कि इनको देश से कोई हमदर्दी नहीं कोई वोट के, तो कोई नोट के लिये संसद में जाता है । हर मानसिकता में धर्मनिरपेक्षता को बचाने की ताकत काम कर रही है । ऐसी धर्मनिरपेक्षता जो इनके वोट बेंक को बरकरार रख पाये । मानो वोट के लिए देश को भी बेच देंगे ये धर्मनिपेक्षता के पहरेदार। आपकी यह कविता http://kavimanch.blogspot.com/ पर भी पोस्ट कर दी है। -शम्भु चौधरी
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