अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
30.9.08
ब्लाग पर एक और पत्रकार
पत्रकार प्रदीप मिश्रा भी अपने को रोक नहीं सके। अब वह बोलेंगे और जमकर बोलेंगे। उनका यह बोलना होना अपने ब्लॉग बोले तो... पर। प्रदीप मिश्रा जी का स्वागत है। भड़ासियों के बीच। आप सभी उनका उत्साह बढ़ाएं।उनका ब्लाग है--http://bolaeto.blogspot.com
ek or gya kaam se
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