अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
14.10.08
नारदमुनि की आशीस
----- चुटकी----- नारदमुनि की आशीस, गेट वेल सून रजनीश। ---गोविन्द गोयल [रजनीश जी पहली बात तो ये कि आप टिप्पणी लिखना ही मत,अगर आप से ना रहा जाए तो आपका नाम लिख देना। बाकी तो मैं समझ जाऊंगा, क्योंकि आपके पास वही शब्द हैं। ]
जी धन्यवाद
ReplyDeleteab thik hai
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