http;//waqthai.blogspot.com गोली का जवाब गोली से.......
अंधेरी से कुर्ला....
बस नबंर-332..
दिन सोमवार
तारीख़ 27 अक्तूबर 2008
वक्त सुबह के पौने नौ बजे
मुंबई का अंधेरी इलाका..
332 नंबर की बस सुबह करीब पौने नौ बजे अंधेरी से रवाना हुई ... कम लोग, सुबह की हवा और हल्की हल्की सूरज की रोशनी छनती हुई बस के शीशे से अंदर पहुंच रही थी ।...करीब सवा नौ बजे बस साकीनाका पहुंची... यहीं से सवार हुआ 23 साल का एक खूबसूरत नौजवान देखने में किसी भी फिल्म अभिनेता को पीछे छोड दे ।
नौजवान बस की पहेली मंज़ील मे सब से आगे जाकर बैठ गया ...तकरीबन 15मिनट बाद यानी 9 बज कर 27 मिनट पर जब बस बैलबाज़ार ,कुर्ला के सिगनल पर पहुंची तभी इस नौजवान का कंडक्टर से झगड़ा हुआ बात बढ़ी ..नौजवान उत्तेजित हो गया, कंडक्टर को बांधक बनाना चाहा, लोगों को धमकाया और कहा मैं किसी का कोई नुकसान नहीं करुंगा .. मैं बिहार से आया हूं मेरी राज ठाकरे से बात कराओ..
नौजवान ने बस को रिवॉव्लर की नोंक पर बंधक बनाने की कोशिश की ...सवार लोगों से मोबाइल मांगा .. बाहर के लोगो को चिल्ला चिल्ला कर अपने बारे में बताया ..तभी करीब पौने दस बजे पुलिस वहां पहुंच गयी, सीन पूरा फिल्मी था ..पुलिस कहती है कि उसे सरेंडर के लिये कहा गया.. पर उसने हवा मे चार बार गोलियां चला दी ।
पुलिस कहना है –सरेंडर से इंकार करने के बाद मुसाफिरों की जान बचाने के लिये उसके पास नौजवान को मारने के अलावा कोई और चारा नहीं था ....एंकाउंटर ज़रूरी था
23साल का नौजवान मर गया ... ये नौजवान पटना का राहुल था । हां, राहुल राज । चार भाई बहनों में तीसरे नम्बर का । राहुल पटना के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजूकेशन से एक्सरे में डिप्लोमा कर, एक अच्छे भविष्य की तलाश में इस महीने की 24 तारीख को मुंबई आया था ... शांत और सब की बात मानने वाले राहुल को क्या हो गया जो इसने ये रास्ता अपना लिया...
इलाको की लड़ाई का दर्द शायद कम हो जाता अगर महाराष्ट्र के गृहमंत्री का बयान न आता ... कैसे आर आर पाटिल के मुंह से निकला की गोली का जवाब गोली है ...
क्या अब इसको नियम बना लिया जाये ...
नितिश कुमार कहते हैं कि राहुल को बचाया जा सकता था ।लालू यादव कहते हैं कि ये हत्या है।रामविलास कहते हैं कि सोते शेर को जगाया जा रहा है । लेकिन उस पीड़ा की बात कोई नहीं कर रहा है जो एक हिन्दुस्तानी अपने ही देश के अलग राज्यों में सहता है । कहीं हम फिर 84 और 92 के बाद जो नतीजे सामने आये उस ओर तो नहीं बढ़ रहे.. सब मराठी एक सी भाषा बोलते है चाहे ......बालठाकरे ,राजठाकरे ,राणे हो या फिर पाटिल
तो फिर पूरा देश एक भाषा बोलने के लिये क्यों नहीं उठता ..
कल फिर 332 नंबर की बस चलेगी, लेकिन उस पर सवार लोग हर चढ़ने वाले को देख कर यही सोचेगे की कहीं ये भी, राहुल राज तो नहीं ...
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ये तो होना ही था राज ठाकरे ने जो जहर उगला उसे बिहार के युवाओं ने निगल लिया....अब वे जहरीले तो बनेंगे ही ....बाकी राहुल सिर्फ़ एक एहसास कराना चाहता था पर मुंबई पुलिस भी ठाकरे की तरह ही निकली जिसने उसे बिना मौका दिए ही गोली मार दी क्यूंकि इन्हे बात कहनी ही आती है सुन्नी कहाँ आती है...रजनीश परिहार..
ReplyDeleteआर आर पाटिल साहब को ये बात कहते शर्म नहीं आई...गोली का जवाब गोली से...लेकिन किसके ख़िलाफ़?क्या राहुल कोई आंतकवादी था?लेकिन हाँ इस घटना के बाद कई राहुल राज जरूर पैदा होंगे....कम से कम नेताओं को तो बयान देते समय सावधानी रखनी चाहिए....आप महाराष्ट्र के नहीं देश के प्रति जिम्मेदार है......
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