यह चुटकी मेरे निकट दुकान करने वाले लेडिज टेलर को समर्पित है। उन्ही की प्रेरणा से और उन्ही की दिनचर्या देखकर यह रचना रची गई। फ़िर उनसे योग्य कौन हो सकता था जिसको ऐसी संवेदनशील चुटकी समर्पित की जा सके।
----चुटकी----
अंग अंग का
ले रहा है नाप,
लेडिज टेलर है
कर दो माफ़।
----गोविन्द गोयल
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