2.10.08

एक और शुरुवात...

मित्रो.. !
आज एक नयी शुरुवात करने जा रहा हूँ सो सबसे पहले भडासी भाइयो का आशीर्वाद लेना उचित समझा..आज मैंने अपना एक नया ब्लॉग आरंभ किया है जिसका नाम हैं " चिलम " जो भाई लोग गाँव देहात के हैं वे इस चिलम की महत्ता को अच्छी तरह से जानते है उसी परम्परा को नेट पर आगे बढ़ाने का यह एक प्रयास है..जैसे गाँव की चौपालों और बैठको में जब चिलम गरम होती है तो लोगो की संवेदना मुखर हो कर अभिव्यक्ति के उस धुएं में उड़ती है जिसमे अधिकार होता है ,शिकवे और शिकायते होती है और होती ही दिल की छोटी-छोटी बातेंयहाँ नेट पर भी ये चिलम सुलेगेगी और इसमें कश मारेंगे आप और हम...इसके कंटेंट और विस्तार के लिए आपके सुझाव आमंत्रित हैं...पता है -www.chilam-dhaska.blogspot.com
आपका अपना
डॉ.अजीत

3 comments:

  1. अजीत जी,
    चिलम हुक्का को जमा दीजिये, सब बेचारे इसके प्यासे हैं. आपको शुभकामना

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