आज एक समाचार था कि भारत इराक बनने के कगार पर, मै सोचने लगा कि आखिर हम इराक से या अफगानिशतान से अपनी तुलना कैसे कर सकते हैं? वे कम से कम अपनी अस्मिता के लिए लड तो रहे हैं और हम हैं पर ना जाने कौन सी गफलत तारी है कि बमविस्फोटों की खबर भी हमारे लिए किरकेट टीम के हारने जीतने से ज्यादा अहमियत नही देते।
एकदम कड़वा सच, हम वाकई किसी देश से तुलना करने के लायक नहीं है।
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