4.11.08

मीडिया की भूमिका पर सवाल?

आम आदमी आज मुख्यधारा की मीडिया से गायब है। सामाजिक जिम्मेवारी के साथ इस क्षेत्र में आ रहे नए पत्रकार भी अपनी अभिव्यक्ति के लिए ब्लॉग जैस माध्यमों को अपना रहे हैं। विचारनीय विषय है की इतना सशक्त माध्यम स्वयं को इतना कमजोर क्यों मान रहा है? क्या इसलिए की वो आम आदमी जो किसी भी व्यवस्था की प्रमुख ताकत हैं उनसे दूर हो गया है ? शायद इसलिए भी की आम आदमी उसके लिए उपभोक्ता और टी आर पी का स्रोत तो है मगर विज्ञापन उसे उन उपभोक्तावादी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से ही मिलते हैं जिनकी रूचि आम भारतीय के बेसुध रहने में ही है। यही कारण है की मीडिया वैसी ही रिपोर्टों पर केंद्रित है जो आम आदमी को सपनों में उलझा सच्चाई से दूर रखे। अगर आम जनमानस में मीडिया के प्रति ऐसी धारणा बन रही है तो मीडिया के कर्ता -धर्ता सार्थक पहल करें और यदि ऐसी शंकाओं में सच्चाई है तो शर्म है बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के इन नए प्रचारकों और एजेंटों पर। देश के भविष्य के इन गुनाहगारों को इतिहास कभी माफ़ नही करेगा।

No comments:

Post a Comment