29.11.08

ये सफलता हमारे जवानों की है ना कि कब्र में पैर लटकाए नेताओं की


26 नवंबर 2008 बुधवार को शुरू हुए मुंबई के आतंकी हमलों से निपटने केलिए बिना देरी किए दिल्ली के 200 एनएसजी कमांडो को रवाना किया गया। देश केलिए मर मिटने को तैयार रहने वाले इन स्पेशल कमांडो मुंबई पहुंचते ही मोर्चा संभाल लिया। पर किसी ने नहीं सोचा था कि हमारे बीच से दो जाबांज मेजर संदीप और कमांडो गजेंद्र चले जाएंगे। 60 घंटे तक चला आपरेशन जब पूरा हुआ तो हमारे बीच ये दुखद खबर भी आई कि अब ये जाबांज सिपाही हमारे बीच नहीं रहे। उनकी इस कुरबानी को देखकर लता जी का गाया गाना ऐ मेरे वतन केलोगों जरा आंख में भर लो पानी..., जेहन में गूंजने लगा। इसकेसाथ ही मुंबई के एटीएस प्रमुख हेमंत किरकरे और अशोक काटे जैसे सच्चे सिपाहियों की शहादत दिल को कचोटने लगी।
देश केलिए अपनी कुरबानी देने वाले ये जवान तो चले गए पर इसकेपीछे राजनीति की रोटी सेंकने वालों को पीछे छोड़ गए। जब मुंबई जल रही थी, हर तरफ आतंक फैला हुआ था तब राज ठाकरे का ना तो कोई बयान आया ना ही उनका मराठा मानुष इस सीमापार आतंकियों से लोहा लेने केलिए सामने आया। इस मुश्किल की घड़ी सबसे पहले अगर कोई दिखा तो वह था पूरे देश का जज्बा जो अपनी मुंबई को खतरे में देख सजग हो गया था और हर जगह उसकी सलामती केलिए दुआएं मांग रहा था। पूरे साठ घंटे चले आपरेशन को लोग टीवी पर देखते रहे। हमारे सैनिकों ने तो अपना काम कर दिया अपनी बहादुरी से दुश्मन केदांत खट्टे कर दिए। कायरों की तरह वार करके आतंकियों ने जहां लगभग 200 मासूमों की बलि चढ़ाई तथा 300 से भी अधिक लोगों को घायल कर दिया। तो हमारे शेरों ने इस्लाम के नाम को कलंकित कर रहे इन आतंकियों को सामने से वार करकेउनके अंजाम तक पहुंचा दिया।
आतंक फैलाकर अपनी जान देने वाले इन युवा आतंकियों जैसे और हजारों आतंकियों को इससे तो एक सबक लेना ही चाहिए कि जब वे मरते हैं तो लोग उनकी लाशों पर थू-थू करते हैं तथा जब हमारे देश केसैनिक उनको मारते हुए शहीद होते हैं तो उनकी याद में हमारे देश की करोड़ों जनता की आंखें नम हो जाती हैं। लोगों को बचाने के लिए जिन लोगों ने अपनी कुरबानी दी है उनका नाम हमेशा इस जहां में अमर रहेगा। सीमा पार आतंकियों को इससे एक चीज तो सीख ही लेनी चाहिए कि वे जितनी भी हमारी देश की अखंडता को तोड़ने की कोशिश करेंगे उससे लोग और एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। आतंकी सिर्फ अपने कमीनेपन को उजागर मासूम लोगों को मारकर कर सकते हैं पर जब बहादुरों से उनका सामना होगा तो उनकी रूह कांप उठेगी।
अगर मुंबई केइस आपरेशन पर कोई भी पार्टी में बाद मेंं बयानबाजी करके एक दूसरे पर आरोप मढ़ने की कोशिश करेगी तो उससे हमारे शहीदों को बहुत दुख पहुंचेगा। पर इन नेताओं को कौन समझाए घटिया संस्कारों में पले बढ़े ये देश केभाग्यविधाता अपनी हरकतों से बाज नहीं आएंगे। अब आपरेशन खत्म हुआ है और अतीत की बातों पर भरोसा करें तो इस पर सियासत कल से ही शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार आने वाले चुनाओं में इन जाबांजों की मेहनत को अपनी कुशलता बताकर लोगों से अपने पक्ष में वोट करने को कहेगी तो विपक्षी पार्टी उन पर दूसरे तरह से वार करके इसमें मरने वाले लोगों का जिमेदार केंद्र को ठहराएगी। पर जो सच्चाई है वह पूरी दुनिया ने देखी है और सब जानते हैं कि मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, अमर सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी, राज ठाकरे एक मच्छर भी मारने की ताकत नहीं रखते तो ऐसे में आतंकियों से अगर उनका सामना हो जाए तो वे क्या करेंगे इसकी आप कल्पना कर सकते हैं। यह जीत हमारे जाबांजो की है और उनकी सफलता का श्रेय कोई भी तुच्छ पार्टी नहीं ले सकती।
जय भारत और जय जवान
अमित द्विवेदी

5 comments:

  1. अरे भाई अमित आपको पता ही है कि हमारे देश की संवैधानिक व्यवस्था है कि तीनो सेनाओं का प्रमुख अर्थी पर लेटा हुआ एक बूढ़ा ही होता है यानि कि राष्ट्रपति(इस समय बुढ़िया है)। अब जब सब खत्म हो गया लोग शहीद हो गये,मर गए त ये बयानबाजी करेंगे।
    जय जय भड़ास

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  2. भाई अमित,
    सच कहा आपने, वैसे भी देश की बागडोर किसी के हात में रहे हमारे रक्षक हमारे ये सिपाही ही तो होते हैं,
    नेता या पर नेता सब के सब माल पुआ खाने वालों में से, और पत्रकार पहुँच जाते हैं उनमें हिस्सा लेने के वास्ते.
    हम तो बस अपने जवानों को सलाम करते हैं.
    बस और बस
    जय जवान
    जय किसान
    वंदे मातरम्
    भारत माता की जय.
    जय जय भड़ास

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  3. अमित भाई,ब्लागरों को मुद्दा मिल गया है अब कुछ दिन तक इसी को पेले रहेंगे,कविताएं लिखेंगे,शोक व्यक्त करेंगे,निठल्ला चिन्तन करेंगे। अभी रक्तदान शिविर में गयी थी खून देकर आयी हूं,डाक्टर साहब तो कल ही से ही धंधे पर हैं खुद खून दे रहे हैं और सबको पकड़-पकड़ कर ले जा रहे हैं। अब नेता लोग बयान देंगे,कुछ दिन बकैती होगी फिर नया मुद्दा......

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  4. जाबांजो कीसफलता का श्रेय कोई भी तुच्छ पार्टी नहीं ले सकती।
    जय भारत और जय जवान
    sat-sat naman un shahid jawano ko

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  5. आतंकियों ने बेकसूरों की ओट ले रखी थी तभी इतने बेकसूरों की जानें गई हैं. राज ठाकरे ने पूरे देश को बर्बाद कर दिया है. मेरी सोच ये है कि आतंकियों को उनके ही घर में घुस के मारा जाये, तभी शहीदों की आत्माओं को शान्ति मिलेगी. अभी मैं केवल 9 साल का एक भारतीय बच्चा हूं इसलिये कोई गलती हो गई हो तो मुझे माफ़ करें.

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