29.11.08

कैसी विजय है ?











हम एक बार फिर से ज़ंग जीत गए ,




लेकीन एक बड़ा प्रश्न के साथ




आख़िर हम कब तक अपनी ही जमीं पे जंग लड़ेगे .




कारगिल




संसद




और अब मुंबई




कल कही और अपने ही देश में ।




यह सिलसिला कब रुकेगा ।




जवाब आप खोजिये , सोचिये और कुछ कीजिये




2 comments:

  1. मिमियाती आवाज वाले प्रधानमंत्री, बिना रीढ़ के गृहमंत्री और बेपरवाह विपक्ष वाले देश का यही हश्र होता है बंधु, अब तो ऐसे हमले झेलने के लिए आदत डालनी होगी हमें. नहीं, तो फिर हमें खुद ही कुछ करना होगा

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  2. मिमियाती आवाज वाले प्रधानमंत्री, बिना रीढ़ के गृहमंत्री और बेपरवाह विपक्ष वाले देश का यही हश्र होता है बंधु, अब तो ऐसे हमले झेलने के लिए आदत डालनी होगी हमें. नहीं, तो फिर हमें खुद ही कुछ करना होगा

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