भडासी भाइयों को मेरा भड़ास भरा नमस्कार ....
पिछले तीन दिनों से मै अपने भड़ास को दबाकर रखा हुआ था जो आज फुट पड़ा है ......
देश में आए दिन हो रही आतंकी हमले से जहाँ मासूम बेगुनाह भारतीयों की जान जा रही है, वहीँ हमारे देश के नेताओं को इसमे भी राजनीति नजर आती है , लगता है ये चाहते यही है की आतंकी हमला हो और ये सरकार को कोसने में अपनी सारी ताकत लगा दे। मुझे ऐसे राजनीतिज्ञों पर घृणा होती है जो मासूम लोगों की लाशों पर भी अपनी राजनितिक रोटियां सकने से बाज नही आते। इन्ही कायर नेताओं की देन है की आए दिन अचानक हो रही आतंकी हमलों में हमारे दर्जनों शुरक्षाकर्मी शहीद हो रहे है और ये ऐ० सी० रूम में बैठकर आतंक के जन्मदाताओं से शान्ति की बात करते नजर आते है । आखिर कब तक हम शान्ति राग अलापते रहेंगे और अपने लोगों को ऐसे ही मरते देखते रहेंगे। हमारे देश में जब कोई हमला होता है तब ये नेता बड़ी बड़ी बातें करतें है , कुछ दिनों के बाद वही ढाक के तीन पात वाली कहानी नजर आने लगती है । हम अपने सैनिकों को यूँ ही शहीद होते देखने के बजाय उन्हें खुली छूट दे देनी चाहिए इन मुठी भर आतंकियों को इनके घर में घुसकर मरने के लिए। अब अहिंसा का यूग खत्म हो चला है हमें हिंसा का जवाब हिंसा से ही देना। राजनीतिज्ञों को भाषण बाजी छोड़ ठोस कदम उठाना चाहिए क्योंकि लड़ना तो आख़िर हमारे जवानों को ही है ........
kuch log bas rajniti karna chahte hain, bhale hi wah laashon ki dher par ho .......
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