1.11.08

उल्टा तीर (निष्कर्ष): आज़ादी की बहस के मायने#links#links

शुक्रिया भाई साहब ,निष्कर्ष निसंदेह निर्णायक है ......

1 comment:

  1. सही कहा आपने अखिलेश जी !
    आपने जिस फ़िल्म "रंग दे बसंती" का जिक्र किया
    एक आम आदमी और क्या कर सकता है ? या तो अखबार और टी वी देखकर अफ़सोस करता हुआ च च च कर सकता है या फिर पनवाड़ी की दुकान पर खड़ा होकर दर्शन बघार सकता है ! अरे संवेदनशील आदमी इस सिस्टम के ख़िलाफ़ आख़िर क्या करे ? पोलिस उनकी, गुंडे उनके , सरकार का मूक समर्थन उन्हें ! राहुल राज और सुखदेव - भगत सिंह - राजगुरु- यतीन्द्र नाथ- आजाद में क्या फर्क है ?
    हम सबके अन्दर एक राहुल राज बैठा होता है ! जिसे हम कभी बाहर नही निकाल पाते ! कभी हमारी कायरता आड़े आ जाती है , कभी परिवार आड़े आता है ! राहुल राज एक पढ़ा लिखा युवक था, खाते पीते मध्यमवर्गीय परिवार से था ! उसके भी कुछ अरमान थे ,,,,सपने थे ! अपने कैरियर को बनाने और संवारने की चाहत थी , जैसी आम युवा वर्ग की होती है !
    राहुल राज कोई छुटभैया या बदमाश नही था, न ही उसका किसी भी तरह का कोई पुलिस रिकोर्ड था ! लेकिन मुम्बई की स्काँटलैंड पुलिस ने राहुल राज के साथ ऐसा सलूक किया मानो उन्हें असली वीरप्पन अब दिखायी दिया हो ! गौरतलब है कि राहुल राज ने बस में किसी को बंधक भी नही बनाया था , न ही किसी को घायल किया था , मोबाईल से बात कराने की बात न मानने पर सिर्फ़ एक हवाई फायर किया था ! बस ठाकरे के पिट्ठू पुलिस वालों को बहाना मिल गया बहादुरी दिखाने का ! अरे मराठा शूरवीर पुलिस वालों अगर वो आतंकवादी होता तो
    आरडीएक्स बांधकर राज ठाकरे के पास जाने की कोशिश करता !
    लोग जीविका के लिए कहाँ नही जाते ......... सात समुन्दर पार तक जाते हैं ! आज भारतीय समुदाय कहाँ नही है ! अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, न्यूजीलैंड, कनाडा ...... जैसे देशों में बड़ी तादाद में भारतीय विद्यमान हैं (इनमें मराठी समुदाय भी है )! यहाँ अपना ही देश बेगाना हो रहा है !
    एक बाप के अगर दस बेटे हैं तो क्या सबका विकास एक समान होता है ? अरे कोई आगे निकल जाता है , कोई थोड़ा पीछे रह जाता है ! ऐसे ही ये राज्य भी देश के बेटे ही तो हैं ! कोई राज्य अगर तरक्की नही कर पाया या कम विकसित रह गया तो इसके बहुत से सामाजिक, भौगोलिक, राजनीतिक, ,,,,,वगैरह..वगैरह कारण हो सकते हैं ! आज अगर महारास्ट्र में सुनामी जैसा तूफ़ान अथवा भूकंप आ जाए तो मराठी समुदाय क्या रोजी रोटी के लिए देश के अन्य राज्यों में नही जायेगा ?
    कोई कारण न भी हो तो भी हमारा संविधान देश के नागरिकों को कहीं भी आने जाने की छूट है ये किसी भी नागरिक का मौलिक अधिकार है ! देश के संविधान से खिलवाड़ करने वाला देश द्रोही होता है ! देश द्रोही की सज़ा क्या होनी चाहिए ???????

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