12.12.08

बाह रे अंधी सरकार तेरा खेल निराला ,अकल लगाने में भी घोटाला


ओलंपिक में एक सूरमा ने देश को पदक दिलाया...सच देश में उत्साह देखते ही बन रहा था..सरकार को समझ नहीं आ रहा था की इस सूरमा के अहसानों को किस तरह चुकाया जाये आखिर पदक मिला है !!सरकार अपने आप को उसके सामने छोटा समझ रही थी की उसके लिए जो भी किया जाये सब कम ही है लेकिन कुछ तो करना ही था सो सरकार ने उस सूरमा को लगभग 3 करोड़ रुपए की नगद राशि और अन्य पुरुस्कारों से लाद दिया...बह मालामाल हो गया और वैसे भी वो तो मुह में सोने की चम्मच लेकर भी पैदा हुआ था ....उसके लिए कितने खुशी की बात थी की एक गोली ..खाली गोली ने उसे हीरो बना दिया!!सच देश को आप पर गर्व है !!


फिर कुछ महीने बाद


अब जानिए क्या हुआ था कुछ और महीने बाद ...सच अगर दिल से समझो और अकल लगाकर देखो तो पता चलता है की सच हमारी सरकार अंधी है और उसमे तो दिमाग नाम की कोई चीज़ ही नहीं है !


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1 comment:

  1. यसवंत जी मैं आपसे जानना चाहता हूँ की bhadas और bharaas ये दो ब्लॉग है क्या और अगर दो है तो क्यों?
    आप किस पर लिखते है और आपका क्यों सा ब्लॉग है !! मैं जिस भडास पर लिखता हूँ वो किसका है कुछ समझ नहीं आ रहा है !!

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