27 नवंबर की सुबह अखबारों में एक फोटो छपी थी जो अजमल आमिर कसाव की थी. कसाब जिस हाथ में एक-47 लेकर आगे बढ़ रहा था उस हाथ में रक्षा सूत्र बंधा हुआ था. वही रक्षासूत्र जो आमतौर हिन्दू तीर्थों में भक्तों के हाथ में बांध दिया जाता है. हो सकता है उस दिन यह बात किसी ने नोटिस नहीं की लेकिन पाकिस्तान मीडिया ने पलटवार करने के लिए उसी तर्क को सामने रख दिया है. पाकिस्तानी मीडिया बड़ी नासमझ बन रही है जिसे शयद ये तो पता ही नहीं है की कभी कोई खुद की में डालकर मजा लेना नहीं चाहता ..इसलिए हिन्दुस्तान खुद फर्जी हमला करवाकर किस तरह की हरकत नहीं करेगा! वो गांडू , नपुंसक थे तो पाकिस्तानी ही लेकिन फिर भी पाकिस्तानी मीडिया इस बात से इनकार कर न जाने क्या साबित करना चाहती है !!!या फिर ऐसा भी हो सकता है की पाकिस्तानी मीडिया हरामी हो चुकी है और उसका भी इन आतंकवादिओं की हराम की दोलत में हिस्सा होता है उसी दौलत की वजह से इनकी आँखों पर पर्दा पड़ा है !!!खेर जो भी हो पाकिस्तानी आतंकवादिओं ने हद तो कर दी है जिसका खामियाजा उसे भुगतना ही पड़ेगा!!
sanjay sen sagar
http://www.yaadonkaaaina.blogspot.com/
संजय भाई,यदि हम खोजी पत्रकार हैं तो हमें कोई पूर्वाग्रह नहीं रखना चाहिये कुछ भी हो सकता है हो सकता है कि वह छोटा सा रक्षासूत्र बाद में यह सिद्ध करने के लिये ही एक सूत्र बन जाए कि न तो वह पाकिस्तानी है न ही उसका नाम अमुक अमुक कसाब है,अजीब लगी न मेरी बात????
ReplyDeleteभाई,
ReplyDeleteना तो पाकिस्तानी मीडिया हरामी है ना ही हिन्दुस्तानी मीडिया,
हाँ दोनों जगह के नेता एक ही खाल वाले गेंडे हैं.
बस सचाई सामने आना चाहिए क्यौंकी नुकसान हमारा होता है, आम जन का और आम जन दोनों तरफ़ हैं, इधर भी उधर भी और तकलीफ में भी, सो गैंडों को भगाओ और इनके साथ रेंकने वाले गधे पत्रकारों को भी.
जय जय भड़ास