मैंने पूछा सौंप से दोस्त बनेंगे आप,
नहीं महाशय ज़हर में आप हमारे बाप।
कुत्ता रोया फूटकर यह कैसा जंजाल,
सेवा नमकहराम की करता नमकहलाल।
जीव मारना पाप है कहते हैं सब लोग,
मच्छर का फिर क्या करें जो फैलाए रोग।
दुखी गधे ने एक दिन छोड़ दिया सब काम।
गलती करता आदमी लेता मेरा नाम।
साभार-श्यामल सुमन
प्रस्तुति-मकबूल
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