धरती के बहुत ही प्यारे-प्यारे दोस्तों ...............मुझे ये कतई नहीं पता कि आने वाला नया वर्ष किसके लिए कैसा है.....मगर जैसा कि हम सबकी तहेदिल से यही इच्छा होती है कि सब खुश रहे........आनंदित रहें.......सुकून से रहें.......और इसी के वास्ते हम सबको शुभकामना देते हैं...........और सबके आगामी दिवसों के प्रति मंगलदायक विचार प्रेषित करते हैं....और बदले में हमें भी वही सब तो मिलता है....जो हम दूसरों के लिए सोचते हैं........और जैसा कि हम सब जानते हैं कि दूसरों के गड्ढा खोदने वाले ख़ुद उसमे जा गिरते हैं.........तो फिर ऐसा करते ही क्यूँ हैं.........जब हमारे विचार दूसरों के प्रति अच्छे की भावना से प्रेरित होते हैं तब प्रैक्टिकली हम दूसरों के प्रति इतने गैर-संवेदनशील कैसे बन जाते हैं........कोई हमारी ही नज़रों के सामने किसी सामान्य सी पीड़ा से मर जाता है..........और हम चैन से अपने घर में बंशी बजाते सोये रहते हैं.........ये यही पाखण्ड मानवीयता है........क्या इक क्रूर.....धूर्त.......कमीने.....किस्म का दोगलापन ही आदमी को पशु से अलग करता है....वफादारी में आदमी नाम का ये जीव कुत्ते के पासंग भी नहीं माना जाता.....और भी कई मायनों में आदमी कई तरह के पशुओं के समकक्ष नहीं ठहरता.........और फिर भी को पशु से श्रेष्ठ कहे जाता है....पृथ्वी को मनमाफिक नष्ट करता है.....अपने पेट की भूख के लिए लाखों पशुओं का रोज़-ब-रोज़ संहार करता है......अपने सौन्दर्य और स्वास्थ्य के लिए समूचे जीव व् वनस्पति जगत का भयावह दोहन करता है........और फिर भी मंगल कामना के गीत गाता है.....किसका मंगल..........????किसका शुभ............??क्या इस ब्रहमांड में महज़ एक आदमी नामक जीव ही इतना महत्वपूर्ण है....कि जिसके आमोद-प्रमोद के लिए सब कुछ को नष्ट करना इक छोटा-सा खेल है.........और समूची सृष्टि महज़ आदमी का एक हथियार......???? अगर ऐसा ही है....तो हर नव-वर्ष आदमी-मात्र को ही मुबारक है.....तो बाकी की धरती का क्या हो...........????क्या वो आदमी द्वारा महज़ "पेले" जाने के लिए है.....??............ऐसे में मैं समझ ही पा रहा कि नए वर्ष का स्वागत मैं किस रूप में करूँ............????अगर पृथ्वी नष्ट होती है....तो आदमी भी तो.... और आदमी तो नित-प्रति यही तो किए जाता है............तो मैं किसको मुबारकबाद दूँ.......!!??फिर भी ओ प्यारे-प्यारे दोस्तों यदि मेरी बात तुम सबको समझ आती हो तो पृथ्वी पर के हर जीव...वनस्पति....चराचर जगत के जीवन को बचाते हुए चलो तो तुम्हे ये वर्ष तो क्या पृथ्वी का जीवन ही मुबारक हो.....हैप्पी-न्यू-इयर.......................!!!!देखो आ ही गया.............तुम्हारे द्वार............स्वागत करो इसका अपनी समस्त सच्चाईयों के साथ.................!!!!!!
नया साल आए बन के उजाला
ReplyDeleteखुल जाए आपकी किस्मत का ताला|
चाँद तारे भी आप पर ही रौशनी डाले
हमेशा आप पे रहे मेहरबान उपरवाला ||
नूतन वर्ष मंगलमय हो |
Very good!
ReplyDeleteI like your blog
ReplyDeletecan you email me: mcbratz-girl@hotmail.co.uk, i have some question wanna ask you.thanks
ReplyDeleteVery good!
ReplyDeleteImport China products direct from China manufacturers on one stop China sourcing site.
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