25.1.09

डोडे खाओ, ड्यूटी करो

एक फिल्म देखी थी, पुलिस वाला गुंडा । आईपीएस अफसर के गिरफ्तारी के बाद जब मैंने कुछ लिखना चाहा तो, पुलिस वाला गुंडा फिल्म के दृश्य आंखों के सामने आ रहे थे । हालांकि फिल्म में पुलिस की गुंडई, बदमाशों को मारने के लिए दिखाई गई थी । लेकिन रील लाइफ और रीयल लाइफ में यही फरक है । रीयल लाइफ में पुलिस की गुंडई कहीं ज्यादा है । दुनिया के जितने गलत काम होते हैं, पुलिस करती है, करवाती है । चाहे जुआघर हो, कैसीनो हो, वेश्याओं के कोठे हों, नशीले दवाइयों का व्यापार हो, किसी का कत्ल हो । ऐसा नहीं कि सभी पुलिस वाले गलत धंधे में लिप्त हैं, लेकिन ऐसा भी नहीं कि गलत धंधे बिना पुलिस की रजामंदी से नहीं हो रहे हैं । मुंबई में पुलिस ने ही एक बड़े पुलिस अधिकारी को दबोच कर यह साबित किया है, कि समाज के हर तबके में चोर हैं । फिर चाहे पुलिस, नेता और आम लोगों को समाज क्यों न हो ? यहां तक कि चौथा स्तंभ भी इसमें शुमार हो गया है । किसे सही कहा जाए? मुंबई में भारी मात्रा में ड्रग्स के साथ दबोचे गए आईपीएस अफसर शाजी मोहन 93 बैच का आईपीएस है। जम्मू कश्मीर कैडर के इस अधिकारी के पास से ११ किलो ड्रग्स बरामद किए गए हैं । मुंबई एटीएस ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले ये अधिकारी चंडीगढ़ में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में तैनात था। पंजाब और हरियाणा में तो नशीले पदाथॆ की खेप रोज पकड़ी जाती है । पंजाब से सबसे ज्यादा खेप राजस्थान से चल कर आती है । जिसमें सफेदपोश के साथ-साथ खाकीधारी भी शामिल हैं । राजस्थान और पंजाब राज्य पाकिस्तान से भी सटा है । आए दिन नशीले पदाथो की खेप पकड़ी जा रही है । हैरोइन, चरस, अफीम और पता नहीं क्या-क्या ? सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या पुलिस को यह नहीं पता । रात होते ही चौराहों, गलियों और सड़कों पर घूमने वाली पुलिस खुद नशे की तलाश में रहती है । पंजाब में तो यह आम है, डोडे खाओ, ड्यूटी करो । फिर चाहे सीएम की ड्यूटी में क्यों न लगे हों ।

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