1.2.09

मां का लाडला बिगड़ गया

एक दिन मेरे एक मित्र मेरे पास आए
अकुलाए बौखलाए
बोले कविराज,
गर्लफ्रेंड और बीवी के बीच की पर्त हटाइए
मुझे बेगम का अर्थ बताइए
हम बोले महोदय,
गर्लफ्रेंड वो है जो एक नज़र से करती है कई शिकार
मेरे और तुम्हारे जैसे ढेर सारे होते हैं उसके यार
उसके आंखों में ख्वाबों का पुलिंदा पलता है
और ब्वायफ्रेंड के पैसे से ही तो उसका खर्चा चलता है
और यार..
घोड़ी पे होके सवार चला है दूल्हा यार कमरिया में बांधे तलवार
इस गाने का अर्थ जनता समझ नहीं पाती है
सिर्फ गाती जाती है गाती जाती है
असल में कमरिया पे बंधी तलवार बीवी ही चलाती है
ग़मों की सौगात साथ में लाती है
पति का निकाल देती है दम
और ख़ुद बन जाती है बे-गम
हमने कहा मित्र,
समझे कि समझाऊं,या विस्तार पूर्वक बताऊं
उन्होने कहा कविराज,जरा डिटेल में बताइए
मैने कहा अच्छा,फिर मेरे और करीब आ जाइए
वो बोले नहीं,मैं नजदीक नहीं आउंगा
जमाना खराब है पता नही कहां धोखा खा जाउंगा
अब तक सीधा साधा बैठा था अब उठकर अकड़ गया
और बोला कवि महोदय आपने तो सुना ही होगा
मां का लाडला बिगड़ गया
मां का लाडला बिगड़ गया

2 comments:

  1. maa kaa laadla bigad gaya...
    chaand mohmmad yaa chandra mohan?
    fiza badli
    badal gaya snsaar
    ab jo ho chahe
    janta mare joote chaar

    ReplyDelete
  2. maa kaa laadla bigad gaya...
    chaand mohmmad yaa chandra mohan?
    fiza badli
    badal gaya snsaar
    ab jo ho chahe
    janta mare joote chaar

    ReplyDelete