आज पूरा देश जय हो के जश्न मैं डूबा हुआ है लेकिन क्या आपको पता है कि अगर एक व्यक्ति न होता तो न रहमान का मान होता और न गुलजार इतने गुलजार होते , आखिर कौन है वह व्यक्ति। जनाब वह व्यक्ति है विकास स्वरूप। जी हाँ विकास की लिखी पुस्तक पर ही तो स्लमडॉग मिलियेनियर बनी। विकास का नाम किसी ने नहीं लिया, गुलजार सुखविंदर का नाम जरुर ले रहे हैं पर उन्होंने भी विकास का नाम नहीं लिया। खैर कोई बात नहीं हम अपनी तरफ़ से विकास को ओस्कर देते हैं और ये दुआ भी करते हैं की वे इसी प्रकार लिखते रहें ताकि इस देश का मान बढे और सदियों तक यह देश गुलजार रहे ।
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