पता है अंकल आज मैंने आपकेबेटे को एक मॉल में एक लड़के के साथ देखा दोनों आपस में बातें कर रहे थे और गले भी मिल रहे थे। थोड़ी देर बाद दोनों मैक्डोनाल्ड में गए जहां उन्होंने एक साथ बैठकर बर्गर खाया। यह सुनते ही अपनी पत्नी को आवाज लगाते हुए कहा अजी सुनती हो देखो हम बबाüद हो गए। यह सब कुछ तुहारा किया कराया है कहा था बेटे को लड़कों केसाथ खेलने बाहर मत भेजा करो पर तुमने मेरी एक बात भी नहीं सुनी। लो अब दिल को तसल्ली मिल जाएगी जब घर में बहू की जगह कोई और लड़का ले लेगा।
यह तस्वीर आज के बदलते समाज की है। जिसमें अब लोग लड़के-लड़कियों केसाथ लड़कों को भी संदेह भरी नजरों से देखने लगे हैं। इसके डर के कारण अगर आप अपने दोस्त केसाथ घूमने गए तो हो सकता है वह तुहे कह दे भाई थोड़ी दूरी बनाकर रखो जमाना खराब है। शनिवार को मैं 7 फरवरी यानी की रोज डे पर अपने एक मित्र केसाथ धार्मिक भावना केसाथ नोएडा केसेंट्रल स्टेज माल गया जहां दो लड़के आपस में कुछ ऐसी ही बातें कर रहे थे। जहां हर तरफ प्यार की खुशबू गुलाबों केसाथ-साथ महक रही थी तो वहीं दूसरी ओर इस तरह की बातें भी माहौल को गरम कर रही थीं। इस चर्चा में और आग लगा दी दोस्ताना ने। जिसने दोस्ताना देखी वह उसकेइफेक्ट से अपने आप को बचा ही नहीं पा रहा है। अब तो छोटे-छोटे बच्चे भी अपने पापा से दोस्ताना क्या होता है? जैसे सवाल पूछने लगे हैं। हालांकि यह अलग बात है कि उन बच्चोंं को इस सवाल का जवाब अच्छी तरह से पता है। पर मजे लेने के लिए वे ऐसा कर रहे हैं। श्रीराम सेना, शिवसेना और ना जाने कितनी सेना प्यार करने वालों पर लगाम कसने के लिए कमर कसकर खड़ी हैं। पर इन राजनीति केनाम पर रोटी सेंकने वालों को इस बात की शायद खबर नहीं है कि अब उन्हें दोस्ताना के खिलाफ कोई कदम उठाकर कुछ नया करना चाहिए। पर जो भी हो मेरा काम तो लिखना था सो लिख दिया अब आप इस पर क्या सोचते हैं वह आप जानें।
rose day ka live cast achcha hai
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