15.2.09

क्या करें क्या ना करें यह क्या हो रहा है भाई?

अनेक रिपोर्टर जो टी वी चैनल्स के लिए काम कर रहे हैं उलझन मैं हैं इन दिनों क्या करे क्या ना करें ? कारन एक है की अगर पुराने हाउस को छोड़ते हैं तो नए का पता नहीं और अगर नया नहीं जों करते तो पुराने का पता nअहं हैं अब ऐसे मैं क्या करें यह रास्ता दिखने वाला कोई नहीं। उधर जब से वर्ल्ड वाइड मंदी का दौर चल रहा है सभी मीडिया हाउस प्रेषण हैं की किस को रखे और किस को निकल के बाहर कर दे। ऐसे मैं कुछ लोग इधर से उधर जा रहे हैं जब की अंदर की बात है की सभी की हालत एक जैसी ही है। ऐसे मैं कौन अच्छा और कौन बुरा कुछ समझ में नहीं आ रहा है। चैनल्स के पास ख़बरों के नाम पर कुछ भी तो नही है। इंडिया टीवी मैं आप की अदालत मैं पुराने एपिसोड ही चाल रहे हैं ऐसे मैं समाचार भी रिपीट ही किए जा रहे हैं। चलो कुछ देर बाद तो ऐसा समय आयेगा की सभी को पेमेंट भी मिल जायेगी और कुछ करने का मौका भी तब तक लगे रहे मुन्ना भाई।

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