आज बंडमरु गिरी करने का मन किया है। शुरुआत कर रहा हूँ पत्नी की आरती से ....मुझे मेरे मित्र ने मुझे एक मेल किया उस मेल को मैं यथावत आपके सामने परोस रहा हूँ... मुझे आच्छा लगा आपको भी आच्छा लगेगा। ऐसा विश्वाश है। आप अपनी राय जाहिर करें... कैसा लगा......धन्यवाद ।
badhai ho bandmaru ji, khoob likha. lagta hai aap bhi bivi ke mare huye hai
ReplyDeleteअजी साहब कर क्या रहें हो आप?इस तरह से सब कुछ ओपन करके काहे को पत्नी से अपने साथ साथ हमें भी पिटवाओगे क्या....!वाकई में सबके दिल की बात कहती है ये आरती...धन्यवाद,,
ReplyDeletevah bhai gee,aap to mere dil ka hal suna dia...aur bhi honge zamane men...
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