मेरे गांव में हर शिवरात्रि पर एक बड़ा मेला लगता है जिसमें हजारों लोग दूर-दूर के गांवों से शिरकत करने आते हैं। मैं जब छोटा था उस समय एक बार मलमास पड़ा। जिसकेउपलक्ष में मेरे गांव में पूरे एक महीने का मेला लगा। उसी दौरान भाजपा धीरे-धीरे उठने का प्रयास कर रही थी। बस्ती जिले से सांसद का चुनाव और हरैüया विधान सभा का चुनाव एक साथ हो रहा था। मेरे यहां से सांसद केलिए श्याम लाल खड़े हुए थे जबकि विधायकी के लिए जगदंबा सिंह मैदान में उतरे थे। मंदिर-मçस्जद का विवाद जोरों पर था पर उस समय तक मçस्जद नहीं टूटी थी। हर दीवार पर एक ही नारा मैंने लिखा देखा था जो कि कुछ इस प्रकार था,`राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे´।
उस समय अटल विहारी वाजपेई और कल्याण सिंह की हर ओर धूम थी। मैं उस समय सात साल का था। मेरे गांव के मेले में दो स्टेज बने हुए थे एक कांग्रेस का और दूसरा भाजपा का। मैं उस समय भाजपा का बहुत बड़ा समर्थक हुआ करता था क्योंकि मेरा पूरा परिवार भाजपा से जुड़ा था। मुझे एक शरारत सूझी और मैं कांग्रेस के मंच पर चला गया और वहां से भाजपा और अटल बिहारी वाजपेई के बारे में खड़े होकर जो नेताओं से थोड़ा बहुत सुना था वह भाषण देने लगा। पहले तो मंच पर बैठे कांग्रेसियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया कि मैं क्या बोल रहा हूं पर जैसे ही उन्हें पता चला कि मैं भाजपा की बड़ाई कर रहा हूं सभी ने मेरे हाथ से माइक छीन लिया और मेरे घर पर शिकायत भी लगा दी। उस समय मेरे मन में यह आया कि मैं अटल बिहारी वाजपेई से मिलकर इसकी शिकायत करूंगा। पर मैं धीरे-धीरे बड़ा हो गया और सब भूल गया। पर जब मैं मीडिया में आया तो मेरे मन अटल जी का साक्षात्कार करने का हुआ। उसके लिए मैंने खूब प्रयत्न किया पर अब तक सफल ना हो सका क्योंकि उनकी तवियत ठीक नहीं थी। पर पता नहीं क्यों मुझे लगता है कि मैं अटल जी से मिलने में जरूर सफल हूंगा। मैं दुआ करता हूं कि वे जल्दी से ठीक हो जाएं।
shaandar.....
ReplyDeletebest wishes
बहुत जल्दी ही आपका प्रयास सफल हो ऐसी शुभकमना है ।
ReplyDeletethankue awasthi ji aapko bahut din baad maine dekha blog par. aap kaise hain aur kabhi kabhar waise bhee yaad kar liya karen hame
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