19.2.09
......क्यों भूलते जा रहे हैं हम अपने राष्ट्र खेल को.
मैं मीडिया से जुड़ा हुआ परसन हूँ, परन्तु कभी कभी मीडिया की कमी को देख कर परेसान सा हो जाता हूँ। अब देखिये हमारे राष्ट्रिय खेल में हमारे खिलाड़ियों ने अपने देश में ही सही परन्तु विश्व चैम्पियन को हराया , परन्तु मीडिया ने उस ख़बर को ज्यादा तवज्जो नही दिया, जिस कारन से देश का एक बहुत बड़ा हिस्सा ये नही जान पाया की हमने हॉकी के विश्व चैम्पियन को हराया है। आज देश के होकी खिलाड़ियों की इतनी बड़ी उपलब्धी दबा दी गई। इसके लिए जितने जिम्मेदार हमारे देश के नेता हैं, उस से अधिक जिमेदार मैं मीडिया को मानता हूँ। कारन ये है की जिस तरह श्री लंका में भारत ने अपना पहला मैच जीता और उसे मीडिया ने खूब उछाला। उस तरह होकी को भी मीडिया तवज्जो देता तो आज ये खेल बदहाल नही होता। सचाई तो यही है की आज ये खेल बदहाल स्तिथि में है। ...आज लोग भूलते जा रहे हैं अपने इस राष्ट्रिय खेल को। मीडिया का ही देन है की आज गाँव के लोग क्रिकेट के बारे में जितनी जानकारी रखते हैं उसका जरा सा भी जानकारी हॉकी के बारे में नही रखते। कभी-कभी अफ़सोस होता है ख़ुद को मीडिया पर्सन कहने में, फ़िर सोचता हूँ मैं कोशिश जरूर करूंगा, अपने राष्ट्रीय खेल को जन-जन में पहचान दिलाने की। अब तो यहाँ तक कहा जाने लगा है की क्रिकेट को राष्ट्रीय गेम घोषित कर दिया जाएगा। परन्तु ऐसा अगर होता है तो ये सही नही होगा। मीडिया को अपनी ख़बरों में हॉकी को तवज्जो देनी होगी, ताकि इसकी पहचान हमारे रास्ट्रीय खेल के रूप में बनी रहे। हमारी आदत नही है पीछे हटने की तो फ़िर क्यों हम हॉकी को तवज्जो नही दे रहे हैं... मीडिया से जुड़े लोगों अपनी मानसिकता को जरा सा बदलो देखो हॉकी के सितारे भी बुलंदी पे होंगे। हमें युवाओं को प्रोत्साहित करने की भी जरुरत है, साथ ही फिल्मों के जरिये होकी को बढावा देने वाले कलाकारों को भी वास्तव में आगे आना होगा ताकि होकी की एक मुक्कमल पहचान कायम रहे।
हाकी को राष्ट्रीय खेल घोषित करने वाली सरकार ही जब उसे उपेक्षित कर रही है तो फ़िर आम जनता क्या करेगी...क्रिकेट में जहाँ एक छोटी सी घटना भी जहाँ बड़ी ख़बर बन जाती है वहीँ हाकी में विशव चैम्पियन को हराना भी किसी को हैरान नहीं करता...?
ReplyDeletesahmat hu main aapke bicharon se
ReplyDeletet bhai jee ,ab rauaa midia parsoin mat bani,media house kholi tabe kuchho ho sakela,bhadas par likhala se na hokhi .lumarshahabadi ke awaz t sagro se band nu kail gaeel ha ....
ReplyDelete