प्रेस विज्ञप्ति
नई दिल्ली, (22 मार्च 2009)
भाजपा के पीलीभीत (उत्तर प्रदेश) संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी वरुण गांधी द्वारा दिए गए आपत्तिजनक भाषण से श्री वरुण के दिमागी दिवालियापन का सबूत मिलता है। विश्व शांति परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि श्री वरुण द्वारा फैलाए जाने वाले साम्प्रदायिक ज़हर से देश का शांत वातावरण एक बार फिर से प्रदुषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि वरुण ने अपनी गलती पर अफसोस और माफी के बजाए गर्व से कहा है कि मैंने कोई गलत कार्य नहीं किया है, जबकि फॉरेंसिक रिपोर्ट से पूरी तरह साबित हो चुका है कि उनके भाषण की सीडी से किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।
श्री फ़ैज़ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा वरुण को मिली अग्रिम जमानत पर भी अफसोस जताते हुए कहा कि सीडी की फॉरेंसिक रिपोर्ट आ जाने के बाद भी जमानत मिल जाने से देश के साम्प्रदायिक सौहार्द को ठेस पहुंची है, और साम्प्रदायिक शक्तियां वरुण के आपत्तिजनक कार्य पर जश्न मना रही हैं। शिव सेना सुप्रीमों बाल ठाकरे का यह बयान कि मुझे ऐसा ही गांधी चाहिए, बेहद अफसोसजनक है। चुंकि वरुण की इस ओछी राजनीत से पता चलता है कि वह वरुण “गांधी” नहीं, बल्कि “विवादी” है।
श्री फ़ैज़ ने वरुण की माताश्री मेनका गांधी द्वारा दी गई परवरिश पर भी प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि कुत्ते, बिल्ली, ऊंट, हाथी, गदहे, घोड़ों के प्रति अपनी ममता और प्यार न्योछावर करना केवल राजनैतिक ढोंग है। जिसका बेटा भारतीय सभ्यता पर कीचड़ उछालता फिरे तथा एक विशेष सम्प्रदाय के प्रति नफरत की आग में इस क़दर खूंखार हो जाए कि आम जन सभा में कत्ल कर देने की बात कहे, ऐसे बेटे और मां दोनों से देश के विकास के प्रति कोई आशा रखना मुर्खता होगी।
प्रेस सचिव
विश्व शांति परिषद
मो.:-+91-9868000999
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