सोचो जरा यदि गाली न होतीतो क्या होता मेरे हिसाब से नालियों मैं पानी की जगह खून बह रहा होता वह इसलिए की एक कमजोर आदमी अपनी भड़ास गाली देकर ही तो निकल सकता है इस के अलाबा अगर कोई और विकल्प हो तो आप जानो गालियाँ ख़राब हो सकती है पर गुस्सा काबू करने और अपने आप को मुसीबत से बचने का एक अच्छा साधन भी तो हैं ना जिसने भी गलियाँ बनाई शायद वह भी किसी न किसी से दमित जरूर रहा होगा
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