30.3.09

अल्ला रे क्या हूँ मैं......??

अल्ला रे क्या हूँ मैं......??
अपनी ही धून में गम हूँ

मैं बस थोड़ा सा गुमसुम हूँ मैं !!
मुझसे तू क्या चाहता है यार
अरे तुझमें ही तो गुम हूँ मैं !!
बस गाता ही गाता रहता हूँ
कुछ सुर हूँ,कुछ धून हूँ मैं !!
याँ से निकलकर कहाँ जाऊं
आज इसी उधेड़बून में हूँ मैं !!
जागने और सो जाने के बीच
किसी और की ही रूह हूँ मैं !!
अल्ला रे मेरा क्या होगा यार
कि ख़ुद तो मैं हूँ ना तुम हूँ मैं !!
"गाफिल"मुझे इतना तो बता
मैं अकेला हूँ कि हुजूम हूँ मैं !!

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