Tuesday, March 24, 2009
तेरे हरफ़ो के अर्थों में मुझे खो जाने दे...
इक ज़रा मुझको खुद में ही खो जाने दे!!
सामने बैठा भी नज़र ना आए तू मुझे
ऐसी बात है तो मुझको ही चला जाने दे !!
तेरी मर्ज़ी से आया तो हूँ अय मेरे खुदा
अपनी मर्ज़ी से मुझे जीने दे,चला जाने दे!!
आँख ही आँख से बातें दे करने दे तू मुझे
साँस को साँस से जुड़ने दे उसे समाने दे!!
इक जरा जोर से दिल को मिरे धड़कने तो दे
इक जरा जोर से मुझे आज तू खिलखिलाने दे !!
मुझको मेरी ही कीमत ही नहींपता "गाफिल"
इक तिरे सामने महफ़िल अपनी जमाने दे!!
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