7.3.09

congress ka khel bigra

कांगरेस समझे जमीनी हकीकत
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लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कांगरेस और समाजवादी पारटी के बीच बढ़ती खाई इस बात का संकेत देती है िक कांगरेस जमीनी हकीककत नहीं समझ रही। यूपी में कुछ कांगरेसी नेताओं की सलाह पर सपा से टकराव लेने की िसथित पैदा हुई और इसका सीधा नुकसान कांगरेस को होता नजर आ रहा है। बेशक कांगरेसी नेता इस हकीकत को न माने पर सचचाई है िक समाजवादी पारटी से समझौता न होने की िसित में वे यूपी में लोकसभा की कुल सीटों पर दस के आंकड़े के नीचे आ जाएंगे। कांगरेसी नेताओं को भारी गलतफहमी है िक वे मजबूत हुए है और सपा कलयाण गठबंधन के कारण मुसिलम वोट सपा से िछटक गया है। भदोही िवधानसभा उपचुनाव ने यूपी की जमीनी हकीकत बता दी है। हकीकत है िक यहां पर मुखय लड़ाई बसपा और सपा के बीच है और सपा बसपा में लोकसभा चुनावों के दौरान टकराव होगा। भाजपा िफलहाल तीसरे नंबर की पारटी है औऱ कांगरेस चौथे सथान के िलए लड़ेगी। भदोही में तो भाजपा जहां तीसरे नंबर पर रही वहीं कांगरेस सातवें नंबर पर चली गई। यािन का भाजपा ने अपना कुछ वोट बैंक बचा रखा है पर कांगरेस के पास तो वोट बैंक ही नहीं है। भदोही उपचुनाव ने मायावती के िलए खतरनाक संकेत िदए है। मायावती इस मुसिलम बहुल सीट पर चुनाव हार गई। यूपी सरकार के दस पंिडत मंतरी यहां पर चुनाव में तैनात थे। मुसलमान नेता और मंतरी नसीमुददीन िसददकी यहां बैठे रहे। मायावती ने काफी उममीद से हाल ही में शािमल हुए बाहुबली अंसारी बंधुओं को भी यहां पर लगाया था। अफजाल अंसारी को यहां पर कैंप कराया गया। अफजाल अंसारी को कैंप कराने के पीछे खेल था। भदोही कारपेट इंडसटी के िलए जाना जाता है। भदोही में कुल मुसिलम आबादी का दस परितशत ही सैयद और पठान है। जबिक अससी परितशत जुलाहा आबादी है। अंसारी बंधु जुलाहा है औऱ इसी उम्मीद ने मायावती ने उनहें लगाया था िक जुलाहा वोट अंसारी बंधु सपा से तोड़ बसपा में लाएंगे। पर पिरणाम उलटा हो गया। जुलाहों के बूथों पर बसपा को तीन से पांच परितशत वोट िमले जबिक सपा को ९० परितशत वोट िमले। अब गुससे में आयी मायावती कुछ िटकटों को बदल सकती है। कहीं अंसारी बंधुओं की िटकट ही न मायावती बदल दे? पर यूपी ाकंगरेस के लीडरों का हाल देिखए। वे अभी भी हवाबाजी से बाज नहीं आते। दो िदन पहले यूपी कांगरेस के पूरव अधयछ अरुण िसंह मुनना ने मुझसे कहा िक अरे भाई समाजवादी पारटी को लोकसभा चुनावों में बता देंगे िक चांद और तारा िकधर वोट देगा। ये सारा कुछ वे तब बोल रहे थे जब भदोही चुनाव ने सपषट कर िदया है िक चांद और तारा उनके िखलाफ है और सपा के साथ है। जब मैनें उनहें साइिकल की सवारी की सलाह दी तो उनहोंन कहा िक पहले कांगरेस ने हाथ की सवारी कर अपना बेड़ा गरक िकया और अब साइिकल की सवारी कर बेड़ा गरक करने की बात हो रही है। अगर कांगरेस को बचाना है तो अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। पर कांगरेस की िसथित इस समय काफी खराब है और कांगरेस कुछ जीती हुई सीटें भी हार सकती है। कांगरेस गािजयाबाद,अलीगढ़,कानपुर,मथुरा और मेरठ सीट हार सकती है।जबिक भाजपा इस समय कई सीटों पर ितकोणीय मुकाबला दे रही है। फतेहपुर िसकरी,गािजयाबाद,मेरठ,कानपुर,बनारस,बिलया,अयोधया,देविरया,बरेली,मुरादाबाद,गोरखपुर,लखनऊ,गौतमबुद नगर,में अचछी िसथित में है। जबिक कुछ सीटों पर अजीत िसंह के कारण भी भाजपा मजबूत हुई है। पर कांगरेस िफलहाल सुलतानपुर और अमेठी और रायबरेली को छोड़ कहीं भी मजबूत िसथित में नजर नहीं आती। कई जगहों पर संघरष करेगी पर जीत होगी या नहीं इसकी गारंटी नहीं है।कांगरेस को राहुल गांधी के किरशमाई रोड शो पर भरोसा है। पर अभी तक इस रोड शो का िरकारड अचछा नहीं है। जहां भी राहुल गांधी गए है वहां कांगरेस की हार हुई। गुजरात में रोड शो िकया तो वहां भाजपा के नरेंदर मोदी जीत गए। यूपी िवधानसभा चुनावों से पहले भी राहुल गांधी ने रोड शो िकया था लेिकन इसका कोई फायदा नहीं िमला। वहां भी कांगरेस बुरी तरह से हारी। अब कांगरेसी नेताओं को समझना चािहए िक राहुल गांधी के रोड शो से कुछ नहीं होगा। राहुल गांधी से हाथ िमलाने से तो िसरफ समसया हल नहीं होगी? अगर हाथ िमलाने से गरीबी िमटती,कांगरेस के छोटे वरकरों को िटकट िमलता तो शायद कांगरेस बहुमत से सता में आती। लेिकन न तो राहुल गांधी के हाथ िमलाने से कांगरेस वरकरों की समसया घटी है और न ही देश की जनता की गरीबी खतम हुई है। वरकर अभी भी राहुल गांधी से िमलने को तरसता है और इलाके के मजबूत वरकर को िटकट िमलने के बजाए पैसे पर िकसी बड़े नेता को िटकट िमल जाता है। िफर राहुल गांधी से िमलना तो लंबा डरामा। पहले फोन पर टाइम ले और दो महीनें बाद टाइम िमलेगा। िफर तीन िमनट में आपकी बात सुनी जाएगी। िफर इससे अचछा तो मुलायम,मायावती,नीतीश,लालू है। इनके जनता दरबार में जाएं,समसया रखे और सुनी जाएगी। इनसे िमलना आसान है। ये वरकरों की समसया सुनते है और हल करते है। यही कारण है िक कई बड़े कांगरेसी नेताओं ने इन नेताओं का दामन थाम िलया। कांगरेस िबहार और यूपी जैसे बड़े राजय से उखड़ गई। अब राहुल बाबा को यह तो समझना चािहए िक चुनाव के वकत रोड शो करने से वोट नहीं िमलते। आज मायावती,मुलायम,नीतीश,लालू का काट उनके पास नहीं है।

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