.चुनावी..बिगुल बज चुका है......चारों तरफ़ युध्घोश हो रहे है ..इसी के साथ ही कुछ नेता गिरगिट की भाँती रंग बदलने लगे है तो कुछ ने अपना चोगा .उतार फेंका है..!कुछ हिन्दुओं को तो कुछ मुसलमानों को गालियाँ निकाल रहे है....!कुछ जातिवाद को भुनाने में लगे है तो कुछ हमेशा की तरह गरीबों का वोट हथियाना चाहते है....!सब नेताओं ने तरह तरह के मुखोटे पहन लिए है....!वे मेंढक की तरह एक से दूसरी पार्टी में फुदक रहे है....अचानक ही वे हमारे .हमदर्द बन गए है....उन्हें हर हाल में हमारा वोट चाहिए...!इस चुनावी .नदी...को पार करने के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते है...!हम सब ये देख कर भले ही हैरान हो लेकिन वे इस खेल के पुराने खिलाडी है....ये उनका पेशा है..!अब हमे चाहिए की हम उनकी बातों में ना आए...!चुनाव आते ही ये जहर उगलने वाले नेता बाद में फ़िर एक हो जायेंगे...इसलिए इनकी बातों में ना आना दोस्तों ...ये तो गरजने वाले बादल है जो बिन बरसे ही गुज़र जायेंगे.....
ye kuton ki mandali hai khaana khatm hone ke baad ek ho jaate hai ..jabtak khaana hai tabhi tak ladate hai
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