1.4.09

varoon ban gaye neta

आईसीयू से जनरल वाडॆ में आने की तैयारी
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--------------------------------------------अब चाहे जो कहे,वरुण गांधी को िजतना गाली दे, भाजपा के नेता खुश है। आईसीयू से जनरल वाडॆ में भाजपा को िशफट करने की तैयारी हो रही है। यह सब कुछ वरुण जैसे डाकटरों के इलाज के बाद संभव हो सका है। खुश मायावती भी है और खुश भाजपा भी है। वरुण तो नेता बन ही गए,भाजपा की डूबती नैया के सहारा भी बन गए। कहां यूपी मे ७ से ८ सीटों के लाले थे,अब १५ से २० सीटों की उममीद बांधे बैठे है। अब कई तरह के िवचार भी शुरू हो गए है। अखबारों में खबर यह भी छप रही है िक छोटा शकील ने वरुण की सुपारी दे दी। उधर अखबारों में यह भी छपा है िक वरुण गांधी गांधी पिरवार के िवरासत के िलए संघषॆ कर रहे थे। उनके एक बयान ने अब इस िवरासत को ही िहला िदया है। राहुल गांधी भी परेशान है औऱ सोिनया गांधी भी। िपछले कई सालों से रोड शो राहुल कर रहे है। पर नेता नहीं बन पाए। लड़िकयों के आटोगराफ से ज्यादा वो कुछ नहीं कर पाए। पर वरुण की िगरफतारी को देख उनका िदल जला। इतना बड़ा हीरो बनने में उनहें कुछ िदन ही लगे।िचंता में कांगरेस के नेता ही नहीं भाजपा के नेता भी है। भाजपा के सेकेंड लाइन लीडरशीप घबरा गई है। सांढ़ की तरह आपस में लड़ रहे सेकेंड लाइन लीडरशीप की घबराहट जाएज है। ये कागजी है। अगर इनकी िगरफतारी होती तो सौ लोग भी नहीं पहुंचते। िफर इन नेताओं के पास कोई बरांिडंग नहीं है। नेहरू गांधी पिरवार की बरांिडंग में काम आ रही है। संजय गांधी का रुप वरुण मे नजर आता है। िजस तरह से संजय गांधी अपने हावभाव पेश करते थे वैसे ही वरुण गांधी अपने हाव-भाव िदखा रहे है। अंतर यही है िक यह रुप भगवा साफे के तले नजर आ रहा है। वो राहुल गांधी की तरह कलावती की और रामदुलारी की बात नहीं करते है। रामदुलारी और कलावती की बात करने का कोई फायदा नहीं है। वाकई में यह ढोंग ही तो है। पचास साल तक राज िकया और अभी तक झोपड़ी िदया। जब अखबारों में फोटो छपवाना होता है तो कलावती और रामदुलारी की झोपड़ी में रात गुजारते है। कम से कम वरुण गांधी इन थोथी बातों में नहीं पड़ते है। िपता संजय की तरह ही कारवाई में िवशवास करते है। बेशक यह कारवाई िकसी को नागवार गुजरे।उनके िपता संजय के बारे में कहा जाता था िक तानाशाह थे। इँिदरा गांधी उनसे डरती थी। यह भी कहा जाता है िक १९७७ में जब इंिदरा की हाथ से सता गई तो राजीव गांधी खुद और इंिदरा जी को इटली जाने की सलाह दे रहे थे। लेिकन संजय गांधी नहीं माने। उनहोंने संघषॆ िकया। दुबारा अपनी मां को सता में लाया। इंिदरा जी का संबल संजय गांधी ही थे। पयाॆवरण को लेकर जो उनके िवचार थे वो आज ही भी याद ही नहीं िकए जाते बिलक उनहें लागू िकया जा रहा है। मारुित जैसी कार संजय गांधी की देन थी। लोग कहते है िक अगर वो िजंदा रहते तो शायद जनसंखया िवसफोट की समसया से भी वो िनजात िदलाते। अब वरुण के दो बयानों ने संजय गांधी के उन सारी कारगुजािरयों को िफर से याद िदलाया जो संजय गांधी ने िकया। कनाट पलेस का पािलका बाजार हो या नई िदलली में रोड बेकरों को तुड़वाने संबंधी आदेश हो।राहुल गांधी इस बात की परेशानी तो होगी ही िक अगर वरुण लोकसभा में आए तो मुिश्कल होगी। एक तरफ चाची सोिनया और चचेरे भाई राहुल होंगे तो दूसरी तरफ वरुण। जहां एक और धमॆिनरपेछता की बात होगी तो दूसरी तरफ वरुण आरएएस और योगी आिदतयनाथ की भाषा बोलेंगे। िदलचसप बात होगी िक दोनों इंिदरा गांधी के पोते है और उनकी िवरासत के दावेदार है। िसथित यह भी आ सकीत है िक देश की दो बड़ी पारटी की राजनीित गांधी पिरवार के दो सदसयों के टकराव की राजनीित बन जाएगी। राहुल के मुकाबले के िलए वरुण को उतारा जाएगा और उस समय राहुल गांधी की िसथित सबसे अजीब होगी।इस पूरे खेल में मायावती और भाजपा की िमलीभगत भी नजर आती है। मायावती ने िजस तरह से वरुण पर रासुका लगाया है उसका सीधा फायदा भाजपा को होता िदख रहा है। लाभ मायावती को िमल रहा है। कयोंिक मुसिलम मायावती की तरफ पोलराइज हो सकता है। मुसिलम को पोलराइज होते देख िहंदू भाजपा की तरफ पोलराइझ हो सकता है। कुछ िजलों में पोलराइजेशन शुरू हो गई है। िजस तरह से वरुण गांधी के सरेंडर डरामा को होने िदया गया है उससे पता चलता है िक बसपा पूरे खेल में शािमल थी। वरुण को िदलली में बी िगरफतार िकया जा सकता था? लेिकन उसे पीलीभीत आने की पूरी अनुमित िमली। उनके समरथकों को वहां इकटठा होने देने की अनुमित िमली। इसके बाद सारा डरामा हुआ। िफऱ २४ घंटे के बाद रासुका लगा िदया गया। इससे भारी िहंदू सहानुभूित को वरुण को िमलेगी, इसकी संभावना जतायी जा रही है।वरुण भाजपा के सेकेंड लाइन सांढ़ों को काबू करने के िलए अचछा हिथयार है। आरएएस खुश है। यह तो नरेंदर मोदी से भी जयादा िवसफोटक है। यूपी के बसती िजले के रहने वाले एक मुसिलम युवक मोहममद यािहया ने कहा िक सबसे पहले कलयाण िसंह के उगर िहंदुतव को देखा। इस िहंदुतव को सबसे खतरनाक िहंदुतव वो मानते थे। इसके बाद उनसे भी खतरनाक नरेंदर मोदी के िहंदुतव को देखा। यह सबसे खतरनाक िहंदुतव उनहें नजर आया था। पर अब वरुण गांधी को देखने के बाद नरेंदर मोदी फीके नजर आते है। डर तो इश वरुण से नरेंदर मोदी को भी हो गया है। िफलहाल नेशनल सीन से उनका चेहरा गायब होता नजर आ रहा है और िहंदुतव के पैरोकार के रुप में वरुण सथािपत हो रहे है।

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