मेरे प्रिय भड़ास के साथिओं
कल अन्तिम चरण का मतदान है..... और मैं देख रहा हूँ कई तरह से वोट डालने के लिए भोले भाले पब्लिक को जागरूक किया जा रहा है जैसे पप्पू वोट जरुर डालता है । मैं आज पप्पू बनकर ही अपनी बात कह रहा हूँ और आप सब की भी प्रतिक्रिया भी जानना चाहता हूँ । तो बात आगे करता हूँ की मैं यानि पप्पू वोट क्यों डाले ? मैं आप को बता दूँ की मैं मेरठ मैं रहता हूँ और जहाँ रहता हूँ उस कालोनी मैं करीब १२० मकान हैं और हम सभी एक दुसरे को अच्छी तरह से पहचानते हैं गाहे बगाहे मुलाकात भी होती है पर पिछले २ महीनों से हम अपने सेक्रेटरी को नही चुन पा रहे हैं, और सभी बहुत पढ़े लिखे संभ्रान्त लोग हैं। तो आप ही बताईये की पुरे भारत मैं हम अपना एक नेता कैसे चुन सकते हैं जिसको हमने कभी आमने सामने नही देखा, कभी बात भी नही करी और तो और पहचानते भी नही और हमें यह भी मालूम है की अगर हम यानि की पप्पू ने वोट दे भी दिया और वो अपरचित नेता जीत भी गया तो वो काम भी नही आने वाला है ।
पप्पू आज बहुत परेशान है कृपया आप सभी से विनती है की पप्पू की मदद करे । पप्पू थोड़ा पढ़ा लिखा है वो यह भी जनता है की इमारत तभी बुलंद होती है जब नीव के पत्थर मैं मजबूती हो मगर यहाँ तो निचे वाले कितने सुशिल, ज्ञानी, बुद्धिजीवी हैं यह आप सभी जानते हैं अगर ऊपर वोलों ने निचे वाले की पहचान नही करी तो ऊपर वाले भी क्या कर लेंगे ?
आज ही पप्पू ने पढ़ा था की जार्ज साहेब से सीबीई वालों ने पुच्छ ताच्च करी है किसी घोटाले के सन्दर्भ मैं अब आप ही कहिये क्या करा जाए ? पप्पू वोट डाले या चुप चाप मुंह तकिये पर रख कर सो जाए ।
चलते चलते मैं यानि पप्पू आपको बता दूँ की अभी तक जो मतदान हो चुके हैं उनका परसेंटेज ५० भी नही हैं क्या आप जो ५० वोट नही डाले उनको पप्पू कहेंगे या की कुछ और ।
प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा मैं ।
आपका अपना भडासी
आमोद
pappu bane rahane me bhalai hai
ReplyDeletekyonki kutte kha rahe malai hain
थोड़ा चुनने की कैपिसिटी बढ़ाइए और हिम्मत करके भोट डालिए आइए। दुनिया-समाज का छोड़ भी दें लेकिन घर का बाल-बच्चा ही कहे कि मेरे पापा पप्पू है या कॉलोनी के बच्चे ने ही आपके बच्चे को चिढ़ाना शुरु कर दिया तो आपको पांच साल लगेंगे सुधारने में कि देखो मैं पप्पू नहीं। नेता नहीं तो बाल-बच्चे की खातिर भोट कर आइए।
ReplyDeletejanab ham to ye kah rahe hain ki desh k saare pappuon ko mil kar andolit ho jaana chahiye. unke naam ki to waat laga di in kambakhton ne.
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