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पत्रकारिता की दुनिया केराज तुम्हें बताता हूं
नेताजी के तीन शब्द से
उनकी बैंड बजाता हूं।
दफ्तर में सब अफसर
नेता बन जाते हैं
नाममात्र का काम कर
जल्दी घर जाते हैं।
भटक के खबरें लाते
जनता तक पहुंचाते हैं
बड़े दाम के नेताजी
खबरे तक खा जाते हैं।
नेताजी की किस्मत देखो
नौकरियां खूब पाते हैं
इधर से पड़ती लात
तो उधर पहुंच जाते हैं।
चिडिया घर में शेर बनते
बाहर आकर डर जाते हैं
कर्मचारी हमेशा रहते
पर नेता बदल जाते हैं।
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मनोज कुमार राठौर
bahut zor se
ReplyDeleteHA HA HA HA HA HA HA HA HA HA HA