25.5.09

'जीवन' - सौरभ कुणाल

जीवन - एक प्रयोग
एक सफर
एक विश्वास, एक उम्मीद
कुछ रंग
कोई साज, कोई गीत
ज़िंदगी - एक संगीत।

जीवन - एक सफर
एक उमंग
मन के उठते विचारों की तरंग।

जीवन - एक पहेली
कुछ अनसुलझी बात
कभी प्रकाशतीत
कभी अंधेरी रात।

सिर्फ आगे बढ़ते जाना
नाम नहीं ज़िंदगी का
हर रंगों में रंगते जाना
मुकाम है ज़िंदगी का।

जीवन कोई मुकाम नहीं
एक अनजान रंग है
एक अलग आयाम है
विचारों का मंच है।

जीवन विचारों की सुनियोजित श्रृंखला
विचारों का आदान-प्रदान
जीवन विचारों का अतिक्रमण नहीं
विचारों का खुला संसार।।

www.syaah.blogspot.com

2 comments: