अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
दौलत का शज़र हमेशा हरा नहीं होता,
कभी क़िस्मत पर किसी का पहरा नहीं होता,
हम मेहनतक़श हैं, मिट्टी में भी सोना उगा देंगे,
मुक्क़मल मुसाफ़िरों के लिए सहरा, सहरा नहीं होता।
- पुनीत भारद्वाज
(http://teer-e-nazar.blogspot.com)
yahi hausla hona aur rahna chahiye aadmi me...waah waah kya baat hai !
bahut acha.........aisay hi hamari himmat badaiye
बहुत खूब.....मेहनत किसी की भी तकदीर बदल सकती है......साभारहमसफ़र यादों का.......
yahi hausla hona aur rahna chahiye aadmi me...
ReplyDeletewaah waah kya baat hai !
bahut acha.........aisay hi hamari himmat badaiye
ReplyDeletebahut acha.........aisay hi hamari himmat badaiye
ReplyDeleteबहुत खूब.....मेहनत किसी की भी तकदीर बदल सकती है......
ReplyDeleteसाभार
हमसफ़र यादों का.......