यह कैसी राजधानी, जहां पीने को नहीं है पानी
अरे भाई यह कैसी है देश की राजधानी, जहां पीने को नहीं मिलता है पानी। क्या राजा क्या प्रजा, हर कोई है प्यासा ही प्यासा। क्या गरीब क्या अमीर, हर कोई है पानी के बिना। जब देश की राजधानी प्यासी है तो बुदेंलखंड और राजस्थान की बात करना ही बेमानी है। राजधानी में ऐसा नहीं कि पानी की कमी है, यहां पानी बहुत है, लेकिन दबंग और जल माफिया जल बोर्ड के समानांतर अवैध जल का कारोबार कर रहे हैं। इन लोगों ने तो कई इलाकों में बाकायदा जल बोर्ड की तरह पाइप लाइन बिछाकर कनेक्शन बांट रखे हैं। कई जगह तो जल बोर्ड के ट्यूबवेल तक का इस्तेमाल वह अवैध रूप से कर रहे हैं। 300 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस सालाना कारोबार में दिल्ली के राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े दबंग नेता भी शामिल हैं। यही कारण है कि वह मनमर्जी से इस काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। कहीं टैंकर से पानी की आपूर्ति की जाती है तो कहीं ट्यूबवेल लगाकर बाकायदा कनेक्शन दिए गए हैं। वह भी 2 से 4 हजार रुपये सिक्योरिटी लेकर। दिल्ली के दक्षिणी पश्चिमी क्षेत्र, साउथ दिल्ली के इलाके, पूर्वी पश्चिम, मेहरौली, संगम विहार, महिपालपुर, रंगपुरी सहित दर्जनों इलाकों में पानी का अवैध कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है। इनमें दूरदराज के इलाके व गांव भी शामिल हैं, जहां जल बोर्ड का पानी नहीं पहुंच पाता है। पानी का यह अवैध नेटवर्क दो तरीके से फैलाया गया है। दिल्ली से सटे हरियाणा, राजस्थान और यूपी में ट्यूबवेल की बोरिंग कर उसका पानी टैंकरों से यहां लाया जाता है। दूसरा, जहां जल बोर्ड का ट्यूबवेल खराब है या फिर किन्हीं कारणों से नहीं चल रहा है, उसकी पाइप लाइन का भी इस्तेमाल अवैध कारोबार में जल बोर्ड के समानांतर जल कारोबार किया जा रहा है। सरकारी ट्यूबवेल के आसपास निजी ट्यूबवेल की बोरिंग कर सरकारी पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति की जाती है। दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली में ऐसे कई स्थानों पर पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। जल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो निजी ट्यूबवेल वालों ने मोहल्लों में पाइप लाइन बिछाकर 2000 से 4000 रुपये सिक्योरिटी लेकर कनेक्शन बांट रखे हैं। जहां भी पानी की कमी है, वहां आपूर्ति की जा रही है। अधिकारी की मानें तो हकीकत में जल बोर्ड पर विधायकों का ही कब्जा है। जहां वह चाहते हैं, वहीं जल बोर्ड का पानी जाता है। समानांतर चल रहे पानी के इस कारोबार पर अंकुश लग जाए तो जल बोर्ड का राजस्व दोगुना हो सकता है। वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड की वार्षिक आय (रेवेन्यू) 500 करोड़ के लगभग है, जबकि अवैध जल कारोबार 300 करोड़ का हो रहा है। इस अवैध कारोबार से जल बोर्ड भी परेशान है। वह कार्रवाई तो करना चाहता है लेकिन दबंग उनके अधिकारियों को ही बंधक बना लेते हैं। एक महीने के भीतर चार अधिकारी पिट भी चुके हैं। इस संबंध में दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ रमेश नेगी की माने तो कुछ इलाके हैं, जहां यह समस्या आई है। विजिलेंस टीम इलाकों की छानबीन कर रही है, जहां पानी का अवैध कारोबार हो रहा है। दो हजार में बिक रहा है टैंकर : राजधानी में पानी की किल्लत इस प्रकार बढ़ गई है कि पानी ब्लैक में बिक रहा है। बड़े साइज का टैंकर जो 1000 में होता था, अब दो हजार रुपये में मिल रहा है। वह भी बिना शोधित किए। दिल्ली जल बोर्ड 400 से लेकर 1000 रुपये तक प्रति टैंकर दूरी और साइज के हिसाब से लेता है, जबकि प्राइवेट कंपनियों के टैंकर जरूरत के हिसाब से बढ़े रेट पर मिल रहे हैं। कई स्थानों पर दिल्ली जल बोर्ड का टैंकर भी दबंग लोग ब्लैक कर दे रहे हैं। ऐसा जल बोर्ड भी मान रहा है।
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