11.6.09
सीनातान कर बोलता नस्लवाद
जिस जगह को भारतीयों ने विद्या का घर बनाया। जहाँ क्रिकेट के मैदान पर चौके छक्के लगते थे। वो जगह अब नस्लवाद का ऑपरेशन थियेटर बन गया है। अब कितने आश्चर्य की बात है किजिस रंगभेद के ख़िलाफ़ अथक संघर्ष कर नेल्सन मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका में उसका नामोनिशान मिटा डाला। और अमेरिका में अहिंसक आन्दोलन कर मार्टिन लूथर किंग ने जिसे दफ़न कर दिया। वही वर्णभेद आज आस्ट्रेलिया में अपना घिनौना सर उठाकर समूची मानवता को कलंकित कर रहा है। यह केवल भारत की ही नहीं समूचे विश्व के लिए चिंता का विषय होना चाहिए कि आस्ट्रेलिया में रंगभेद का कोढ़ पनप रहा है। और वहाँ भारतीय छात्रों पर लगातार हमले हो रहे हैं। इतना होने के बावजूद भी वहां की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। और उल्टे भारतीय छात्रों से अपनी सुरक्षा का ख़ुद ध्यान रखने की सलाह दे रही है। ये बेहद गैरजिम्मेदारना रवैया है। आस्ट्रेलिया सरकार को हर हाल में अपने यहाँ मौजूद सभी भारतीयों की सुरक्षा का जिम्मा लेना चाहिए। पहले तो इस मामले पर आस्ट्रेलिया सरकार ने लीपापोती करने की कोशिश की। लेकिन जब मामला उजागर हुआ। तो स्वीकार कर लिया कि हमारे यहाँ रंगभेद के मामले होते रहते हैं। भारतीय छात्रों पर हमला होना ये कोई पहली बार नहीं है। इसकेपहले भी भारतीयों पर हमले होते रहे है। लेकिन तब छिटपुट की घटनाएँ थी। तब भारतीय ज्यादा शिकायत भी नहीं करते थे। क्योंकि उनके अन्दर ऐसी भावना घर कर गयी थी शिकायत करने से कोई कार्रवाई होती नहीं है।जो कोई भी मामले सामने आते थे उस पर कोई ध्यान नहीं देता था। भारत सरकार ने भी कभी ध्यान नहीं दिया। इसी के आज नतीजे हैं कि भारतीय वहां काल के गाल में समा रहे हैं। इधर अभिनेता अमिताभ बच्चन ने आस्ट्रेलिया के एक विश्वविद्यालय से मिलाने वाली मानद उपाधि को ठुकरा दी है। और कहा है कि जब तक मेरे देश के नागरिकों के साथ अमानवीयता हो रही है तो मेरी आत्मा मुझे उस देश से सम्मान लेने की अनुमति नहीं दे रही है। अब ऐसे में आस्ट्रेलिया सरकार को होश आना चाहिए कि उसकी छवि कितनी मटियामेट हो रही है। दुनिया नस्लवाद को नकार चुकी है। ओबामा जैसे अश्वेत नेता अमेरिका के राष्ट्रपति बन चुके है। इसके बाद अगर आस्ट्रेलिया में रंगभेद पनप रहा है तो समूची दुनिया को धिक्कार करना चाहिए।
achha hai !
ReplyDeletevery nice.
ReplyDeletearvind sharma
sikar
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