अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
9.8.09
आरती* आस्था* kanpur ३१.०७.२००९ जिन्दगी चाहे कितनी मुस्किल क्यों न हो उसे जीना ही पड़ताहै ०३.०८.२००९ हम बहुत बार चुप रहते हैं बहुत कुछ बोलने के लिए ........ बहुत बार चुप्पी के माध्यम से और बहुत बार भविष्य में एकमुश्त बोलने केलिए.
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