पंकज व्यास, रतलाम
15 अगस्त आ गया है,
लोगों में देशभक्ति का नशा छा गया है,
नेता विकास क ी बात क र रहा है,
हकीक त में वह खुद का विकास क र रहा है,
पुलिस देश प्रेम, जन सेवा का संकल्प ले रही है,
दूसरे ही पल भक्षक का रूप दिखा रही है,
मास्टर बच्चों को ईमानदारी की घुट्टïी पिला रहा है,
दूसरे ही दिन स्कूल से तड़ी मार रहा है,
भ्रष्टïाचार को खत्म करने क ी क समें खाई जा रही है,
लेकिन भ्रष्टïाचार क ो शिष्टïाचार बनाने की जुगाड़ भीड़ रही है,
देशभक्ति क े तराने बजाकर, देशभक्ति की बातें क रते हैं,
मैं कहता हूं हमने तो देश भक्त होने के मुगालते पाले हैं,
सब ढक ोसला है, दो दिन 15 अगस्त, 26 जनवरी को तिरंगा लहराया है,
बाकी तो सबने हिन्दूस्तान को छला है,
इन दो दिनों भारत मां के े नाम की कसमें खाई है,
बाकी दिनों तो भारत मां की छाती पर मूंग दला है।
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