अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
बहुत खूब पंडित जी शर्म करो कम से कम अपने पद की गरिमा को तो बनाए रखो यूँ वासना के अभिभूत होकर क्यूँ धर्म को बदनाम करते हो
बहुत खूब पंडित जी शर्म करो कम से कम अपने पद की गरिमा को तो बनाए रखो यूँ वासना के अभिभूत होकर क्यूँ धर्म को बदनाम करते हो
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