भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
3.9.09
हार
आरती आस्था
हारना
अलग-अलग होता है
हर इंसान का
कोई हारता है कुछ
कोई कुछ
तो कोई हार जाता है
हार के साथ ही
(अपना) सबकुछ
मैं.....।
इन्हीं हारने वालों में हूं।
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