देश के बहूचर्चित अरुषी मर्डर केश मे पुलिस और सीबीआई भी कटघरे में है. घटना वाले दिन मोंके से आला ए कत्ल, चाबिया और २ मोबाइल गायब हुए. गिरफ्तारी का खेल हुआ सेम्पल बदल दिए गए. सीबीआई क्या कर रही थी. सभी जानते है मामला हाई-प्रोफाइल है. सबूत गायब करने का सबसे बड़ा लाभ किसको हो सकता है? गिरफ्तार नोकर राजकुमार, कृष्णा व तीसरे को तो बिलकुल नहीं. यकीनन देश का यह अनोखा बड़ा केश है जीसने अपराध के बड़े बड़े जानकारों के दीमाग को हिलाकर रख दिया है. न जाने किन कारणों से सीबीआई भी चुप्पी साध गई. कांड का जो भी नायक है वह अपनी चालाकी पर हर रो़ज जश्न जरूर मनाता होगा. मंद-मंद मुस्कराता होगा भागवान श्री कान्हा की तरह की हे नादानों क्यों दीमाग लगा रहे हो मेरी लीला आप नहीं समझ सकते? कान्हाने तो साजिश नहीं की लेकिन वह साजिश का इतना बड़ा सरताज है जो लाखों दीमाग से आगे की सोच रखता है. उसका रसूख भी है, दो़लत के बल पर वह किसी से भी जमीर को खरीदने की ताकत रखता है. अरुषी के खून का कारण भी कई राजों का राजदार है. सीबीआई अब फिर जाच करेगी. सवाल यही है क्या कोई साजिश का सरताज बेनकाब होगा? सरताज संभल कर रहे कही एसा न हो की उसको एफ. बी. आई या आई.एस.आई संभाल ले. --नितिन सबरंगी
chor ghar mein hi chhipa
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