कोई हिंदी दिवस मना रहा है, कोई सप्ताह तो कोई महीना. इस बार भी सब देश का गोरव हिंदी का मान बढाने की कसम खा रहे है. लेकिन देश के एक नामी चेनल की १६ सितम्बर की शाम चली न्यूज़ मे हिंदी की गलती गो़र करने लायक है. समाज को सबक सिखाने से पहले क्या हम खुद जागरूक हों ये जरुरी नहीं है?
माना की गलती तो हुई है..
ReplyDeleteपर ऐसी गलती को मैं नज़रंदाज़ करना ही सही समझूंगा..
क्योंकि हिन्दी को जीवित रखने में इन खबरियों का बहुत बड़ा हाथ है.. और बड़े लोगों की छोटी गलतियां कभी कभी माफ़ कर दी जानी चाहिए..