जैसे जैसे राजनीतिक दल गठबंधन व प्रत्याशियों की औपचारिक घोषणा करते जा रहे हैं, वैसे वैसे महाराष्ट्र में चुनावी सरगर्मी तेज हो रही है। कुछ खुशी में नाम घोषित होते ही प्रचार में जुट गए, तो कुछ पार्टी का बैनर न मिलने से नाराज हो बगावत पर उतर आए। हर किसी को गठबंधन और मोर्चे की दरकार है।
पार्टी का टिकट न मिलने से पिछले दिनों कुछ लोगों ने वरिष्ठ शिवसेना नेता के यहां हल्ला बोल दिया, तो कइयों ने अपनी पार्टी ही बदल दी। अभी 13 अक्टूबर को चुनावी महासंग्राम होना है, ऐसे में महाराष्ट्रीयन जनता का महाऊंट किस करवट बैठेगा, यह कहने में बड़े बड़ों को पसीने आ रहे हैं। पिछले चुनाव में राज ठाकरे की सेना को हल्के में लेने वाले बड़े राजनेता, विश्लेषक और टिप्पड़ीकार इस विधानसभा चुनाव में पांडित्य से बचने की कोशिश में हैं। खैर, हम भी सयाने नहीं बनेंगे और इंतजार करेंगे चुनाव के दिन व वोटों की गिनती का॥!
सर्वेश पाठक
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