31.10.09

जिन्दगी मोहताज नहीं मंजिलों की

जिन्दगी मोहताज नहीं मंजिलों की, वक्त हर मंजिल दिखा देता है, कुछ बिगड़ता नहीं किसी से बिछुड़कर, क्योंकि वक्त सबको जीना सिखा देता है.

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